कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 में संशोधन प्रस्तावित

Bhopal Samachar
नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अंशधारकों के सभी दावों को अधिकतम तीन दिन में निपटारे की तैयारी कर रहा है। ईपीएफओ आयुक्त सुनील बर्थवाल ने सोमवार को कहा कि केवाईसी और यूएएन-आधार लिंक होने पर निपटारे में कोई देर नहीं होगी।

सीआईआई के कार्यक्रम में बर्थवाल ने यह भी कहा कि आंकड़ों की गड़बड़ी के चलते कुछ प्रतिशत कर्मचारी यूएएन (12 अंकों वाली संख्या) सृजित नहीं कर पा रहे हैं। इसे देखते हुए ईपीएफओ कर्मचारी डाटाबेस के माध्यम से सत्यापन की वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार कर रहा है।

ईपीएफओ ई-निरीक्षण प्रणाली भी शुरू करेगा। इसका उद्देश्य जांच-पड़ताल की प्रक्रिया को सरल बनाना और बिना उचित जरूरत के आमने-सामने पूछताछ की प्रक्रिया को कम करना है। बर्थवाल के मुताबिक, ईपीएफओ ने उत्पीड़न पर अंकुश लगाने के लिए अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव किया है। इसके तहत जांच की अधिकतम अवधि दो साल होगी।

भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान की तर्ज पर सलाहकार संस्था बनाने का भी प्रस्ताव है। यह ‘भ्रष्टाचार’ को रोकने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि चूककर्ताओं को आपराधिक श्रेणी से बाहर करने और इन मामलों को आर्थिक अपराध की श्रेणी में रखने का प्रस्ताव है। 

सुविधा
* ईपीएफओ आयुक्त ने कहा, केवाईसी वाले धारकों को होगी बेहद आसानी।
* यूएएन नंबर न मिलने से परेशान अंशधारकों की समस्या जल्द हल होगी।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!