संजय चौधरी आईपीएस के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें | SANJAY CHOUDHARY IPS MP

भोपाल। भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी संजय चौधरी के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आईं हैं। आरोप है कि जब संजय चौधरी खेल विभाग में डायरेक्ट थे तब उन्होंने कई तरह के घोटाले किए। फिलहाल श्री चौधरी मध्यप्रदेश के जेल महानिदेशक (डीजी) हैं। शिकायत लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू और डीजीपी से की गई है। चौधरी के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला मध्य प्रदेश विधानसभा में भी उठ चुका है। उसके बाद जांच के लिए 3 सदस्यों की समिति बनाई गई थी जिसकी रिपोर्ट आना बाकी है। 

भ्रष्टाचार की शिकायत

मंदसौर के कांग्रेस नेता राघवेंद्र सिंह तोमर ने आरोप लगाया कि वर्तमान डीजी जेल-संजय चौधरी ने खेल विभाग के डायरेक्टर रहते हुए करोड़ों का भ्रष्टाचार किया। तोमर का आरोप है कि चौधरी ने पलंग, फर्नीचर, कम्प्यूटर, घोड़े खरीदी के साथ दूसरे कामकाज में हेराफेरी कर करोड़ों रुपए का घोटाला किया है। तोमर ने चौधरी के खिलाफ लोकायुक्त, EOW और DGP से शिकायत भेज दी है। लाखों रुपए कीमत के घोड़ों के बजाए खच्चर खरीद लिए। फर्ज़ी बिल लगाकर अलग-अलग मामलों में करोड़ों का भुगतान कर लिया। 30 हजार की अलमारी के लिए 1 लाख का बिल लगा दिया और खेल आयोजनों के नाम पर जाली बिल लगा कर पेमेंट कराया गया।

विधानसभा में उठा था मामला

इससे पहले 19 जुलाई को कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने विधानसभा में यही मामला उठाया था। उस विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति ने संज्ञान लिया था। मसले पर चर्चा के बाद खेल मंत्री जीतू पटवारी ने इसकी जांच रिपोर्ट एक सप्ताह में सदन के पटल पर रखने की बात कही थी और तत्काल 3 सदस्यों की जांच कमेटी बना दी थी। इसमें नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव को भी शामिल किया गया था। अभी जांच रिपोर्ट आना बाकी है। बताया जा रहा है कि कमेटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर तमाम एजेंसी आगे की कार्रवाई तय करेंगी।

शिकायतों में इस तरह के घोटालों का जिक्र

-40 घोड़े 35 से 50 लाख रुपये प्रति घोड़े के हिसाब से खरीदने के बजाए 15 से 20 हजार कीमत के खच्चर खरीदे गए।
-भोपाल की दो कंपनियों से 20 से 30 गुना अधिक दाम पर खेल सामग्री खरीदी गई।
-खेल मैदानों के लिए फ्लड लाइट खरीदे गुमनाम कंपनियों के नाम भुगतान कर दिया।
-कम्प्यूटर खरीदी में 40 लाख से अधिक की आर्थिक अनियमितता का आरोप।
-37 वीं राष्ट्रीय जूनियर हॉकी प्रतियोगिता के आयोजन में लाखों के फर्जी बिल का भुगतान।
-एक कंपनी से 30 लाख के पलंग एक करोड़ रुपये में खरीदकर शासन को आर्थिक हानि पहुंचाई।
-8 हजार कीमत की लकड़ी की एक अलमारी को 51503 रुपए की दर से खरीदी।
-नेहरू हॉकी अकादमी द्वारा आयोजित कार्यक्रमों का नियम विरूद्ध 3 करोड़ भुगतान।
-हॉकी की ट्रेनिंग में नाम पर किराए के वाहनों के फर्जी बिल लगाकर करोड़ों का घोटाला।
-फर्जी बिल के जरिए खेल सामग्री खरीदी के नाम पर 7 करोड़ का भुगतान।
-नियम विरूद्ध आरती राय, बिट्टू शर्मा, रवि कोहिली की नियुक्ति का आरोप लगा है।

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