भोपाल। मध्य प्रदेश मेें ईओडब्ल्यू शायद वैसा ही काम कर रही है जैसा सीबीआई पर आरोप लगता रहता है। सीबीआई केंद्र के लिए काम करती है तो ईओडब्ल्यू राज्य के लिए काम कर रही है। 2 दिन पहले नरोत्तम मिश्रा ने ऐलान किया था कि 'खेल उन्होंने शुरू किया है, खत्म हम करेंगे' इसके बाद ईओडब्ल्यू ने उनके 2 निजी सचिवों को ई-टेंडर घोटाला के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
शुक्रवार शाम को गिरफ्तार किया गया
ईओडब्ल्यू ने शिवराज सिंह चौहान सरकार में मंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा के दो पूर्व निज सचिव वीरेंद्र पांडे और निर्मल अवस्थी को शुक्रवार शाम को गिरफ्तार कर लिया। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने ऑस्मो आईटी सॉल्यूशन कंपनी के पदाधिकारियों की मिलीभगत से जल संसाधन विभाग के टेंडर्स में गड़बड़ी कर गुजरात और हैदराबाद की कंपनियों को टेंडर दिलवाए। दोनों ही पूर्व मंत्री के निजी स्टाफ में पदस्थ थे। जांच एजेंसी का दावा है कि अब तक की जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर दोनों की गिरफ्तारी की गई है।
इससे पहले भी ईओडब्ल्यू दोनों से पूछताछ कर चुकी है। पूछताछ के लिए बुलाए जाने के बाद भी जब वीरेंद्र पांडे खुद नहीं आए तो टीम उन्हें गुरुवार को अपने साथ ले आई थी। दिनभर हुई पूछताछ के बाद टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि लोकसभा चुनाव के पहले आयकर विभाग की टीम ने भी कुछ इसी तरह की कार्रवाई सीएम कमलनाथ के खिलाफ की थी। उनके नजदीकियों के यहां छापामार कार्रवाई हुई। कुछ दिनों तक आयकर विभाग ने जानकारियां मीडिया में लीक भी कीं, परंतु अब सबकुछ शांत है।
दवाब बनाने के हथियार बन गईं हैं ऐजेंसियां
सीबीआई, ईओडब्ल्यू और आयकर विभाग जैसी ऐजेंसियां जिन पर आम जनता भरोसा करती थी अब सिर्फ राजनीतिक दवाब बनाने का हथियार बन गईं हैं। अधूरी जांच और अधूरी कार्रवाईयां करतीं हैं। दवाब बनते ही फाइल बंद कर दी जाती है। कानून अगले राजनीतिक मौके का इंतजार करता रहता है। पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि राजनीतिक विद्वैष से कार्रवाई की जा रही है। यह दबाव बनाने का तरीका है, मुझे फर्क नहीं पड़ेगा। चपरासी और बाबू स्तर के लोगों के तो हस्ताक्षर ही नहीं होते। इस मामले में एक पैसा न तो खर्च हुआ है और न कोई काम हुआ।