इंदौर। छात्र से रिश्वत मांगने वाले आईटीआई ट्रेनिंग अधिकारी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत गठित विशेष कोर्ट ने चार साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई। बुधवार को आए इस फैसले में कारावास के साथ ही दोषी पर 5 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है।
धारा 7 एवं धारा 13(1) डीपीसी एक्ट 1988 के तहत 4 वर्ष की जेल
जिला अभियोजन अधिकारी मो. अकरम शेख ने बताया कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत गठित विशेष न्यायालय जिला इंदौर के विशेष न्यायाधीश यतीन्द्र कुमार गुरू द्वारा रिश्वत के आरोपी आईटीआई ट्रेनिंग अधिकारी सुदेश सिंह टेकाम को दोषी पाते हुए धारा 7 एवं धारा 13(1) डीपीसी एक्ट 1988 के तहत 4 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। इसके अलावा टेकाम पर 5000 रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। अर्थदंड की राशि अदा न करने पर 1 माह अतिरिक्त सश्रम कारावास भोगना होगा। मामले में अभियोजन की तरफ से विशेष लोक अभियेाजक जीपी घाटीया द्वारा पैरवी की गई।
छात्र मोहित धडकर ने सब सिखाया
6 जून 2014 को न्यू गौरी नगर में रहने वाले मोहित धडकर ने लाेकायुक्त से शिकायत की थी। शिकायत में मोहित ने बताया था कि वह नंदानगर स्थित आईटीआई में फिटर ट्रेड का नियमित छात्र है। बीच-बीच में विभिन्न कारणों से वह कक्षा में अनुपस्थित रहा। इस पर ट्रेनिंग अधिकारी सुदेश सिंह टेकाम ने उससे कहा कि परीक्षा में बैठने के लिए 3000 रुपए की रिश्वत देना होगी। रिश्वत देने के बाद उसे प्रेक्टिकल परीक्षा में भी अच्छे नंबर से पास करा दिया जाएगा। वहीं यह भी कहा गया गया था कि यदि 3000 रुपए नहीं दिए तो परीक्षा में कम उपस्थिति बताकर बैठने नहीं देंगे। शिकायत के बाद लोकायुक्त ने आरोपी को 3 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था।