पुलिस ड्राइवर की वर्दी उतरवाने वाले जज का तबादला | AGRA JUDGE-POLICE DISPUTE

नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश में एक जज और पुलिस विभाग के बीच उत्पन्न हुआ तनाव खत्म हो गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उस जज का तबादला कर दिया जिसके खिलाफ उत्तरप्रदेश पुलिस लामबंद हो रही थी। आरोप है कि जज ने एक पुलिस कर्मचारी को कोर्ट बुलाया और वर्दी उतारकर 1 घंटे खड़े रहने की सजा दी। यूपी पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हेंडल से इस घटना पर विरोध जताया था। 

आगरा के एक अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक जज ने स्थानीय पुलिस यूनिट में तैनात कांस्टेबल-कम-ड्राइवर को तलब किया था। बताया जा रहा है कि घूरे लाल नाम के ड्राइवर ने कोर्ट के पास करीब दो किलोमीटर तक जज की गाड़ी को साइड नहीं दी थी। घूरे लाल उस वक्त पुलिस वैन चला रहे थे। जज एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के पद पर हैं। लोकल मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पुलिसकर्मी को वर्दी उतारने और कोर्ट में एक घंटे तक खड़े रहने के आदेश दिए थे। जज द्वारा सजा दिए जाने के बाद कांस्टेबल परेशान थे, उन्होंने वॉलंटरी रिटायरमेंट के लिए आवेदन दे दिया था। कथित तौर पर वह आगरा पुलिस प्रमुख के सामने रो पड़े।

दोपहर में यूपी पुलिस ने ट्वीट किया, 'डीजीपी यूपी ओपी सिंह ने कोर्ट द्वारा कांस्टेबल की वर्दी उतारने के आदेश को गंभीरता से लिया है और इस मुद्दे को उचित जगह उठाया। हम प्रत्येक पुलिसकर्मी की गरिमा के साथ खड़े हैं और समाज के सभी वर्गों से सुरक्षाबलों का सम्मान करने की अपील करते हैं।' इसके कुछ घंटे बाद ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जज के तबादले के आदेश जारी कर दिए। हालांकि, जज की ओर से इस रिपोर्ट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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