जबलपुर। मप्र तृृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने आरोप लगाया कि 40 प्रतिशत विकलांग और विधवा, तलाकशुदा अध्यापकों को अतिशेष कर दिया गया। जबकि ऐसे अध्यापकों को अतिशेष में शामिल नहीं करने के लिए विभाग बहुत पहले ही आदेश दे चुका है। संघ के योगेन्द्र दुबे ने बताया राज्य शासन द्वारा अतिशेष के नाम पर शिक्षकों को पुनः प्रताड़ित करना शुरू कर दिया है।
संकुल प्राचार्यों द्वारा अतिशेष शिक्षकों के चिन्हांकन के पश्चात जिलास्तर पर एकीकृत अंतरिम सूची जारी कर शिक्षकों से दावे आपत्तियां प्राप्त करन के उपरांत ही अंतिम सूची जारी करनी थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। संघ के निर्मला विलथरे, अटल उपाध्याय, सुनीता परोहा सहित अन्य ने स्कूल शिक्षा विभाग से मांग की है कि त्रुटिपूर्ण प्रक्रिया पर रोक लगाकर अतिशेष में आए शिक्षकों को दावा आपत्तियां प्रस्तुत करने का एक मौका दिया जाना चाहिए।
संस्था प्रमुख स्वीकृत करें आवेदन
मप्र शिक्षक कांग्रेस संघ ने मांग की है कि शिक्षकों के अवकाश आवेदन संकुल प्राचार्य की बजाए संस्था प्रमुख स्वीकृत करें। यह मांग संघ के विश्वदीप पटेरिया, हरिप्रसन्न त्रिपाठी, संजय उपाध्याय, अनीता वर्मा सहित अन्य ने की है।
स्थानीय समस्याओं को लेकर करें विरोध
मप्र लघु वेतन कर्मचारी संघ की बैठक में एकमत होकर निर्णय लिया गया कि संघ के पदाधिकारी स्थानीय समस्याओं को लेकर विरोध प्रदर्शन करें। संघ के अजय दुबे ने बताया कि बैठक में सातवा वेतनमान, समयमान वेतनमान, सेवानिवृत्त कर्मचारियों की हो रही अत्याधिक वसूली को लेकर चर्चा की गई। इन्हीं सभी मुद्दों को लेकर संघ 6 चरणों में विरोध प्रदर्शन करेगा। प्रथम चरण में 22 जुलाई को काली पट्टी बांधकर कर्मचारी कार्य करेंगे। इसके बाद कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मांगें पूरी करने की गुहार लगाएंगे। इसके बाद भी मांगें पूरी नहीं होती है तो कर्मचारी काम बंद हड़ताल करेंगे।
सातवां वेतनमान का एरियर्स पूरा दिया जाए
पेंशनर्स एसोसिएशन ने सरकार से अपने वचन पत्र में किए गए वादों को पूरा करने की मांग की है। एसोसिएशन के नरेश शर्मा, नरेश उपाध्याय, व्हीपी शुक्ला सहित अन्य ने सातवां वेतनमान का पूरा एरियर्स व 3 प्रतिशत डीए शीघ्र दिए जाने की मांग शासन से की है।