अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ने कमलनाथ सरकार को दी चेतावनी - MP NEWS

भोपाल। पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग और राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष व चार सदस्य आमने-सामने आ गए हैं। पद से हटाए जाने को लेकर विभाग की ओर से दिए नोटिस के जवाब में अध्यक्ष नियाज मोहम्मद ने शासन को कहा है कि अगर तय कार्यकाल तीन साल से पहले गलत आरोप या बेबुनियाद तथ्यों को आधार बनाकर पद से हटाने की कार्रवाई की गई तो सक्षम न्यायालय में चुनौती दी जाएगी। विभाग के उप सचिव को भेजे गए जवाब में मोहम्मद ने यह भी कहा कि आपके विरुद्ध मानहानि और अवमानना का केस भी होगा। 

विभाग ने 21 जून को नियाज मोहम्मद के साथ सदस्यों अमरजीत सिंह भल्ला, आनंद बर्नाड, कमाल भाई और तुकडया दास वैद्य को नोटिस देकर सात दिन में जवाब,मांगा था कि आयोग के अध्यक्ष व सदस्य आयोग की बैठकों में नियमित रूप से भाग नहीं लेते। जितने भी दौरे किए गए, उनका ब्यौरा प्रस्तुत नहीं किया गया। निजी प्रयोजनों से यात्राएं की गईं। सदस्यों को जो भी जिले आवंटित किए गए थे, वहां से आईं जनशिकायतों पर भी कार्रवाई नहीं की गई। निजी स्थापना में शिकायतें लंबित हैं। जबकि आयोग की ओर से आप पर भारी वित्तीय व्यय किया गया। आयोग को इससे कोई लाभ नहीं है। सरकारी गाड़ी का निजी उपयोग किया गया। लाखों रुपए इस पर खर्च हुए। विभाग ने यह भी कहा कि आयोग के अधिनियम 1996 की धारा 9 (1) में आयोग के सदस्य के रूप में जो कार्य निर्धारित किए गए थे, उनमें अपेक्षा के अनुरूप काम नहीं किया गया। अध्यक्ष समेत आयोग के सदस्यों का कार्यकाल तीन साल का होता है। इसमें से एक से डेढ़ साल का समय बचा हुआ है। शिवराज सिंह सरकार में कुछ नियुक्तियां जनवरी 2017 में की गईं, जबकि कुछ जुलाई 2017 में। 

अध्यक्ष नियाज ने दिया नोटिस का जवाब 

नियमित रूप से भ्रमण किया गया, बैठकें हुईं। एक भी सदस्य या उनके द्वारा एेसा कोई काम नहीं किया गया, जिसकी अल्पसंख्यक समुदाय की ओर से शिकायत हुई हो। समस्याओं का निराकरण उनके हित में हुआ। निजी यात्रा व ज्यादा खर्च की बात की जा रही है, वह भी गलत है। जो भी जिला मिला, वहां जाकर आयोग व उनके सदस्यों ने काम िकया। कोई शिकायत लंबित नहीं है। आरोप बेबुनियाद है। शासन के पास जो भी तथ्य गलत साबित करने वाले हैं, वे बताए जाएं ताकि जवाब दिया जाए। 
Tags

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !