मुंबई मे गूंजेगा मप्र के अध्यापक श्याम बैरागी का गीत: गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकाल - MP NEWS

कहा जाता है कि कोयले की खदान मे ही हीरा छुपा होता है और यह सच भी है, इसे चरितार्थ किया है जिले के गीतकार श्याम बैरागी ने जो कि पेशे से शासकीय शिक्षक भी हैं ।कान्हा-किसली के पास सुदूर ग्रामीण अंचल निवासी "श्याम" ने जब स्वच्छता अभियान के लिए एक गीत- "गाडी वाला आया घर से कचरा निकाल" लिखकर उसे स्वर दिया तब किसी ने शायद सोचा नहीं होगा कि यह गीत जिले और प्रदेश की सीमाओं को पार करते हुए छत्तीसगढ़, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, बिहार सहित हिन्दी भाषी तमाम राज्यों मे इतना लोकप्रिय हो जायेगा।

इतना ही नहीं, लोगों को स्वच्छता के प्रति जाग्रत करने के लिए सरल और आम भाषा मे लिखा यह कर्णप्रिय गीत जनमानस को इतना पसंद आया कि देश के बाहर भी अनेक देशों मे सुना जा रहा है। इनकी काबिलियत का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता हैं कि स्वच्छता के प्रति सटीक और प्रभावी संदेश देने के लिए इसी वर्ष मार्च मे इन्हें "छत्तीसगढ़ फिल्म इंडस्ट्री एसोसिएशन" द्वारा भव्य आयोजन कर राजधानी रायपुर मे" छालीवुड स्टारडम सिने आवार्ड" से नवाजा गया है।

जिले के इस कवि, कलाकार, गायक को जो कि लगातार प्रभावी ढंग से 2 दर्जन से अधिक सरकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार सीडी के माध्यम से गांव गांव घूमकर सीधे गीतों को गाकर कर रहे  है उन्हें  जिला मुख्यालय में जिला प्रशासन द्वारा एक सरकारी आवास तक मुहैया नहीं कराया गया है  ऐसे में किसी बड़े सम्मान की क्या अपेक्षा की जा सकती है । सरकारी योजनाओं के साहित्य तक उन्हें खुद से जुटाने होते हैं। 

स्थानीय जिला प्रशासन ने अब तक तो कोई तवज्जो नहीं दी लेकिन भारत की कचरा प्रबंधन की सबसे बडी कंपनी-"गार्वेज क्लीनिक नोएडा"ने इन्हें पहचाना और कचरा प्रबंधन के लिए गीत लिखने का अवसर दिया है।अभी-अभी इनके गीत- "गाड़ी वाला आया" को छत्तीसगढी फिल्म निर्देशक मनोज दीप के निर्देशन मे गार्वेज क्लीनिक द्वारा महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के बीड शहर मे फिल्माया गया है। अब यह गीत मायानगरी मुंबई सहित महाराष्ट्र के तमाम शहरों मे लोगों को स्वच्छता के लिए प्रेरित करेगा। 

राज्य अध्यापक संघ ने शासन से मांग की है कि इस प्रतिभा का उपयोग समाज के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए किया जाना चाहिए, क्योंकि इनकी आवाज मे एक जादू और रचनाओं मे स्वाभाविक आकर्षण है।ये तकनीकी बातों को भी आम बोली मे बडी आसानी से कह जाते हैं। इन्हें एक सरकारी आवास उपलब्ध कराते हुए सरकारी कार्यालय में कक्ष, सरकारी योजनाओं के साहित्य व फोन आदि की  सुविधाएं मुफ्त में दी जानी चाहिए । 

बहरहाल इनकी उपलब्धि और सफलता पर इनके ईष्ट मित्रों, साहित्यिक साथियों सहित राज्य अध्यापक संघ के जिला अध्यक्ष डी.के.सिंगौर रवींद्र चौरसिया, संजीव सोनी, ब्रजेश तिवारी, मोहन यादव, प्रकाश सिंगौर, श्रीमती आभा दुबे, श्रीमती आभा वर्मा आदि ने  बधाई व शुभकामनाएं प्रेषित की है।

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