जबलपुर। बिजली के दाम को लेकर भारी भरकम बढ़ोतरी ने आम और खास ही नहीं प्रभावित हुए हैं बल्कि गरीबों पर भी असर होने जा रहा है। बिना मीटर वाले उपभोक्ता पर तो लगभग दोगुना भार आ रहा है। जिन उपभोक्ता के दो कमरे के घर हैं और टीवी तक नहीं चलती है उन्हें अभी 200 रुपए बिल पहुंचता था। अब नए निर्णय के अनुसार उन्हें 200 का बिल 466 रुपए महीने देना होगा। प्रदेश में करीब 10 लाख से ज्यादा ऐसे उपभोक्ता हैं जिनके घरों में मीटर नहीं लगा है।
मप्र विद्युत नियामक आयोग को भेजे गए कंपनी के प्रस्ताव में घरेलू अमीटरीकृत का सरलीकरण करने का दावा हुआ है। जबकि ये सरलीकरण के नाम पर बिजली महंगी करने का षड्यंत्र है। इतना ही नहीं प्रस्ताव में टैरिफ में जहां अलग प्रस्ताव दिया है वहीं घरेलू अमीटरीकृत श्रेणी में अलग प्रस्ताव रखा है इससे उपभोक्ता गुमराह हो रहे हैं।
अभी अमीटरीकृत उपभोक्ता की तीन कैटेगरी
ग्रामीण इलाके जहां मीटर नहीं लगे हैं। उन उपभोक्ता से बिजली कंपनी एकमुश्त मासिक बिल लेती है। कई इलाकों में कंपनी रीडिंग और चोरी के झंझट से बचने के लिए खुद ही मीटर नहीं लगाती। ताकि एकमुश्त राशि ली जा सके।
पहली कैटेगरी -
300-500 वॉट वाले उपभोक्ता। यहां खपत 75 यूनिट फिक्स मानते हुए 4 रुपए 30 पैसे प्रति यूनिट की दर से वसूली होती थी। 75 रुपए नियत चार्ज लिया जाता था। जिसके बाद बिल महीने में 397 रुपए 50 पैसे आता है।
दूसरी कैटेगरी -
200-300 वॉट लोड वाले उपभोक्ता। इसमें दो कमरों का मकान और टीवी सहित। महीने की खपत 60 यूनिट मानकर 4 रुपए 17 पैसे प्रति यूनिट के दर से बिल तथा 50 रुपए नियत प्रभार के साथ करीब 300 रुपए का बिल लिया जाता है।
तीसरी कैटेगरी
200 वॉट लोड वाले उपभोक्ता। दो कमरे का मकान। जिसमें टीवी नहीं चल रही हो। 50 यूनिट महीने की खपत मानकर 3 रुपए 10 पैसे प्रति यूनिट की दर तथा 45 रुपए नियत प्रभार के साथ महीने का बिल 200 रुपए लगता है।
बिजली कंपनी इस कैटेगरी को खत्म करना चाहती है। तर्क है कि बेवजह कंपनी को उपभोक्ता के घर का भौतिक सत्यापन करवाना पड़ता है, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा होती है। बिजली कंपनी अब सभी उपभोक्ता की मासिक खपत 75 यूनिट मानकर बिल वसूलना चाहती है। इसके लिए 5 रुपए 15 पैसे प्रति यूनिट की दर देनी होगी। इतना ही नहीं नियत प्रभार 80 रुपए होगा। 500 वॉट लोड क्षमता के लिए ये कैटेगरी होगी। मासिक बिल करीब 466 रुपए आएगा। मप्र में करीब 8 लाख से ज्यादा अमीटरीकृत ग्रामीण उपभोक्ता हैं। अकेले मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या 2.38 लाख के आसपास है।
गरीबों पर सीधा बोझ
सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता राजेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि बिजली टैरिफ को लेकर भ्रम बना हुआ है। याचिका में एक जगह अमीटरीकृत उपभोक्ता से 5.10 रुपए प्रति यूनिट लेने की बात है वहीं अन्य जगह अमीटरीकृत उपभोक्ता के लिए 4 रुपए यूनिट का प्रस्ताव रखा गया है। इसमें सही क्या है यह समझ के परे है। अमीटरीकृत उपभोक्ता पर सबसे ज्यादा बोझ डालने का प्रयास बिजली कंपनी कर रही है। उन्होंने दावा किया कि प्रदेश के 10 लाख निम्न तबके के उपभोक्ता इससे प्रभावित होंगे।