कमलनाथ के बेटे को राहत: हाईकोर्ट ने IMT GHAZIABAD मामले पर स्टे दिया

भोपाल। IMT GHAZIABAD मामले में सीएम कमलनाथ के बेटे बकुल नाथ को राहत मिल गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने IMT GHAZIABAD भवन को गिराए जाने की प्रक्रिया पर स्टे लगा दिया है। उत्तरप्रदेश सरकार ने IMT GHAZIABAD के भवन को अवैध निर्माण बताते हुए अतिक्रमण मुक्त कराने के आदेश दिए थे। 

बता दें कि गाज़ियाबाद में कमलनाथ परिवार का 40 साल पुराना मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट है। उनके बेटे बकुल नाथ IMT की गवर्निंग काउंसिल के प्रेसिडेंट हैं। संस्थान की जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। IMT को पिछले एक महीने से लगातार गाज़ियाबाद विकास प्राधिकऱण नोटिस दे रहा था। बताया जा रहा है कि प्राधिकरण ने ज़मीन आवंटन रद्द करने तक का आदेश दे दिया था। संस्थान को मिली एनओसी और नक्शे रद्द कर दिए गए थे। संस्थान को 15 जुलाई तक 75 करोड़ रुपए जमा कराने थे।

नक्‍शा रद्द करने पर रोक
इलाहाबाद हाईकोर्ट की दो जजों की पीठ ने दो दिन की सुनवाई के बाद 6 जून को अपना फैसला सुनाया. कोर्ट ने इंस्टीट्यूट का नक्शा रद्द करने पर रोक लगा दी। ग़ाज़ियाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी ने पिछले 1 महीने में इस संस्थान को कई नोटिस दिए थे। इसके बाद यह मामला कोर्ट पहुंच गया। सुनवाई में हाईकोर्ट ने नोटिस और आदेश के अमल पर अगली सुनवाई तक के लिए रोक लगा दी।

IMT का तर्क
हाईकोर्ट में वकील विवेक तन्खा ने IMT का पक्ष रखा। कोर्ट ने उनकी दलीलों को सही ठहराते  हुए स्थगन आदेश दे दिया। विवेक तन्खा ने दलील दी की 30-40 साल पुरानी ग़लतियों को मुद्दा बनाकर देश के नामी इन्स्टिटूट के NOC और नक़्शों को रद्द नहीं किया जाता है। इसके बजाय ग़लती सुधारने का मौक़ा देना चाहिए। कोर्ट ने उत्‍तर प्रदेश सरकार की उस दलील को भी अस्‍वीकार कर दिया, जिसमें IMT को 75 करोड़ रुपया जमा कराने को कहा गया था। कोर्ट ने 15 जुलाई तक 5 करोड़ रुपए ही जमा कराने का निर्देश दिया। साथ ही प्रदेश सरकार की ओर से जारी नोटिस पर भी अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी।

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