इंदौर। सख्त नियम बनाने के बावजूद सेमेस्टर और वार्षिक परीक्षा में नकल पर पूरी तरह अंकुश नहीं लग पा रहा है। दिसंबर 2018 से मार्च 2019 के बीच देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की विभिन्ना परीक्षाओं में 176 नकलची पकड़ाए थे। इनके प्रकरण कार्यपरिषद की बैठक में रखे गए। वहां 146 विद्यार्थियों के नकल प्रकरण को गंभीर मानते हुए सदस्यों ने उनकी परीक्षा निरस्त करने की सिफारिश कर दी है।
सालभर पहले राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने परीक्षाओं में नकल गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद 30 से ज्यादा कॉलेजों में अभी सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं। साथ ही परीक्षा के लिए विश्वविद्यालय ने उड़नदस्ते बनाए थे। केंद्रों पर पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए थे। दिसंबर 2018 से मार्च 2019 तक 40 अलग-अलग कोर्स की परीक्षा हुई। संवेदनशील और बिना सीसीटीवी वाले केंद्र पर उड़ानदस्ते ने निरीक्षण किया और नकलचियों को पकड़ा। दल के अनुसार ज्यादातर विद्यार्थियों के पास नकल सामग्री में किताबों के पन्नो और चिट मिली थी जबकि कुछ प्रकरणों में छात्रों के पास मोबाइल फोन भी पाए थे। इन प्रकरणों को कार्यपरिषद में रखा गया। कुलपति डॉ. नरेंद्र धाकड़ ने बताया कि 146 विद्यार्थियों को परीक्षा निरस्त कर दी है, जिन्हें अब उक्त विषय के लिए दोबारा परीक्षा में बैठना होगा। 30 विद्यार्थियों को सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया है।
यूजी कोर्स के अधिक नकलची
नकल के ज्यादातर यूजी कोर्स की परीक्षा में प्रकरण बने है। खासकर बीए, बीकॉम, बीएससी, बीसीए और बीबीए के अलग-अलग सेमेस्टर के छात्र नकल करते पकड़ाए थे। इनकी संख्या 110 से अधिक थी। अधिकारियों के अनुसार पीजी कोर्स के विद्यार्थी भी नकल करने में पीछे नहीं हैं।