न्यू गाइडलाइन: स्कूली वाहन की निगरानी स्कूल प्रबंधन को करनी होगी | BHOPAL NEWS

भोपाल। अब कोई भी स्कूली वाहन एलपीजी से नहीं चलना चाहिए। कोई भी बच्चा ऐसे वाहनों से स्कूल न आए, इसकी निगरानी स्कूल प्रबंधन को ही करनी होगी। अगर इस तरह के किसी भी वाहन से बच्चा स्कूल आता है तो प्रबंधन की जिम्मेदारी हाेगी कि वे पुलिस और आरटीओ को तत्काल सूचना दें। अगर ऐसे किसी भी वाहन से दुर्घटना होती है तो जबावदेही स्कूल प्रबंधन की ही होगी। सीट की संख्या से ज्यादा बच्चे वाहन में नहीं होने चाहिए। येे निर्देश परिवहन आयुक्त डॉ. शैलेंद्र श्रीवास्तव ने जारी किए हैं। इसके साथ ही ट्रस्ट और समिति के नाम पर शैक्षणिक संस्थानों में चलने वाले वाहन अब प्राचार्य के नाम पर अनुबंधित होंगे। 

यह है नई गाइडलाइन
कौन सा बच्चा किस वाहन से स्कूल आ रहा है, ये जानकारी रखना।
बच्चों को लाने ले जाने वाले सभी वाहन चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस, पुलिस वेरिफिकेशन, रजिस्ट्रेशन, फिटनेस, परमिट, बीमा और पीयूसी प्रमाण पत्र प्रबंधन के पास हाेना अनिवार्य।
स्कूल प्रबंधन यह सुनिश्चित करें कि प्रत्येक वाहन से निर्धारित संख्या में बच्चों का परिवहन किया जाए। 

आरटीओ ने बसों की जांच के लिए 3 टीमें बनाई हैं। 6 दिन से चल रही कार्रवाई के दौरान आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस अब तक 2 हजार से अधिक शैक्षणिक संस्थानों की बसों की जांच कर चुकी है। करीब 15% वाहनों में सुरक्षा मापदंड नहीं पाए जाने पर नोटिस दिए गए। 
Tags

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !