भोपाल। कमला नगर इलाके करीब चार साल से खाली पड़े एक MIG मकान को हड़पने के लिए जालसाजों ने फर्जी रजिस्ट्री तैयार कर जिंदा पति-पत्नी का मृत्यु प्रमाण पत्र लगाकर नामांतरण के लिए आवेदन किया था। जालसाज मकान बेचने में सफल होते इसके पहले ही मकान मालिक को भनक लग गई और उसने पुलिस से शिकायत कर दी। उक्त जालसाजी में एक महिला समेत 6 लोग शामिल हैं। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
सीएसपी उमेश तिवारी के मुताबिक (Lokpal Berasaiya) लोकपाल बरसैया PWD के रिटायर अधिकारी हैं। वे अपनी पत्नी के साथ ई-3 अरेरा कॉलोनी में रहते हैं। उनका कोटरा सुल्तानाबाद में 1500 वर्ग फीट पर एमआईजी मकान बना है। करीब 4 साल पहले बेटे के निधन के बाद से मकान खाली पड़ा है। बीते दिनों उनकी बहन पुष्पलता गुप्ता (Puspalata Gupta) की ओर से नगर निगम और हाउसिंग बोर्ड में प्रॉपर्टी के नामांतरण के लिए रजिस्ट्री की काॅपी और उनका और पत्नी का मृत्यु प्रमाण पत्र लगाया गया था। इस बीच लोकपाल को पता चला कि उनका मकान हड़पने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने इस संबंध में शिकायत की थी।
सीएसपी तिवारी का कहना है कि जांच में सामने आया कि नेहरू नगर निवासी बनवारी लाल पटेल से मोहम्मद लईक और नंदू मिले थे। उन्होंने बताया कि एक मकान बिकाऊ है। कीमत 64 लाख रुपए है। बनवारी को मकान पसंद आ गया। उन्होंने मकान मालिक से मिलने की इच्छा जताई। दोनों ने बताया कि उक्त मकान के मालिक की और उनकी पत्नी की मृत्यु हो चुकी है। उनकी बहन पुष्पलता मकान की रजिस्ट्री करेंगी। दोनों ने पति-पत्नी का मृत्यु प्रमाणपत्र दिखाया और बनवारी के सामने एक महिला को पुष्पलता बनाकर खड़ा कर 64 लाख में मकान का सौदा तय कर दिया।
एडवांस के तौर पर बनवारी ने उन्हें 3 लाख रुपए का चेक और 1.30 लाख रुपए नकद दिए। पुलिस ने रॉयल मार्केट निवासी लईक और अशोका गार्डन निवासी नंदू को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में दोनों ने बताया कि शकील, बबलू और संजय जैन ने उन्हें फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र और रजिस्ट्री दी थी। पुलिस ने शकील को गिरफ्तार कर लिया है। शेष तीन आरोपियों की तलाश जारी है।