इंदौर। सरकार दुनिया भर में छुपे अपराधियों को तलाश पाने में नाकाम है और यहां अहमदाबाद गुजरात का 8वीं पास व्यक्ति, अमेरिका में छोटी मोटी गलतियां करने वालों को ना केवल तलाशने में सफल हो रहा है बल्कि कानूनी कार्रवाई का डर दिखाकर उनसे रिश्वत वसूली भी करता रहा। वो खुद को सोशल सिक्योरिटी सेल का विजिलेंस अधिकारी बताता था। उसने इंदौर में आफिस खोल रखा था। यहां 61 युवक और 19 युवतियों को नौकरी पर रखा हुआ था। सभी अमेरिका के लोगों को कानूनी कार्रवाई का डर दिखाकर पैसे वसूलते थे। यह रकम प्रतिमाह करीब 1 करोड़ रुपए होती थी।
इंटरनेशनल रेवेन्यू सर्विसेस के नाम पर भी ठगी कर चुका है
पुलस ने बताया कि वे एक वॉइस मैसेज भेजकर बताते थे कि उनका नंबर मनी लॉन्ड्रिंग और ड्रग्स ट्रेफिकिंग में लिप्त है। कार्रवाई की धमकी देकर फर्जी अधिकारी अमेरिकी नागरिकों से बिट क्वाइन, गिफ्ट और डॉलर के रूप में रुपए वसूल लेते थे। पुलिस का दावा है कि गिरोह का सरगना आठवीं पास युवक है। उसका एक करोड़ रुपए महीने का टर्न ओवर था। सरगना इसके पूर्व अहमदाबाद, दिल्ली, नोएडा में इंटरनेशनल रेवेन्यू सर्विसेस (आईआरएस) अधिकारी बन कार्रवाई की धमकी देकर ठगी कर चुका है। पुलिस ने 60 कम्प्यूटर, 70 मोबाइल, सर्वर, मैजिकजेक, डिवाइस और स्क्रिप्ट जब्त की है।
खुफिया इनपुट के आधार पर पकड़ा गया
एडीजी (साइबर व एसटीएफ) पुरुषोत्तम शर्मा के मुताबिक, पुलिस ने खुफिया इनपुट के आधार पर संदिग्ध नंबरों को इंटरसेप्ट किया था। कॉल डिटेल और रिकॉर्डिंग में खुलासा हुआ कि विजय नगर सी-21 मॉल के पीछे दिव्या क्रिस्टल और प्लेटिम प्लाजा में फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर की आड़ में अमेरिकी नागरिकों को धमकी दी जा रही है। यहां काम करने वाले युवव-युवतियां ब्रॉडकॉस्टिंग के जरिए अमेरिकियों को एक वॉइस एसएमएस भेजते हैं। मैसेज में कहा जाता है कि वे सोशल सिक्यूरिटी सेल अधिकारी हैं। उनका नंबर अवैध गतिविधियों जैसे मनी लॉन्ड्रिंग और ड्रग्स ट्रेफिकिंग में लिप्त पाया गया है। एजेंसी उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने जा रही है। कार्रवाई से बचने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी दिया जाता है। अमेरिकी नागरिक मैसेज सुनते ही हेल्पलाइन पर कॉल करता है। कॉल सेंटर में मौजूद कर्मचारी उन्हें कार्रवाई से बचाने के नाम पर रुपए ऐंठ लेते थे।
दो साथियों के साथ मिलकर शुरू की ठगी
एडीजी के मुताबिक, रुपए गिफ्ट कार्ड, बायर ट्रांसफर, बिट क्वाइन और अमेरिकी खातों के जरिए वसूले जा रहे थे। इस गिरोह का सरगना जावेद (28) पिता रफीक मेनन निवासी हिल पार्क रेसीडेंसी केनाल रोड अहमदाबाद आठवीं पास है। उसने साथी भाविल उर्फ भावेश प्रजापति पिता अमृत भाई निवासी माउंट आबू और शाहरुख पिता जिक्कर भाई मंसूरी निवासी अल मुबारक रेसीडेंसी लिंबड़ा अहमदाबाद के साथ मिलकर कॉल सेंटर खोला था।
पांच हजार डॉलर ठग लेता था रोज
कार्रवाई में जब्त रिकॉर्ड से खुलासा हुआ सरगना रोजाना पांच हजार डॉलर ठग लेता था। उसके तार अमेरिकी ठगोरों से जुड़े हैं। जिन एजेंटों के खातों में रुपए जमा कराए जाते थे वे 40 प्रतिशत कमीशन काटकर 60 प्रतिशत रकम हवाला के जरिए भारत भिजवा देते थे। पकड़ी गई ज्यादातर युवतियां व युवक नगालैंड, मेघालय, मुंबई, अहमदाबाद, पंजाब के रहने वाले हैं। सभी को अमेरिकी लहजे में बातचीत करने में महारथ हासिल थीं।