UJJAIN के 7 सबसे अच्छे सरकारी स्कूल, MP BOARD में रिजल्ट 100% | MP NEWS

उज्जैन। कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में जिले के केवल सात स्कूल ही ऐसे रहे, जिनका परिणाम 100 फीसदी रहा। इन स्कूलों के प्राचार्यों और शिक्षकों ने अपने-अपने स्कूलों में कुछ ऐसे तरीके इजाद किए, जिससे स्कूल के सभी विद्यार्थी पास हो सके। कक्षा 10वीं में पांच और कक्षा 12वीं में केवल दो स्कूलों का रिजल्ट जिले में 100 प्रतिशत रहा। किसी ने विद्यार्थियों को हर दिन अभ्यास और प्रश्नों के जवाब याद कराने की आदतें डाली तो किसी ने उनके पालकों तक नियमित संपर्क रखा। तब जाकर रिजल्ट शत-प्रतिशत आया। 

अतिथि शिक्षकों के कारण लगातार 5वें साल 100 प्रतिशत परिणाम

शा. हाईस्कूल इंदिरा नगर, ढांचा भवन: लगातार पांचवें साल 10वीं में 100 प्रतिशत रिजल्ट रहा। इस वर्ष कक्षा 10वीं में स्कूल के सभी 18 विद्यार्थी पास हुए, जिनमें से 16 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में और दो विद्यार्थी द्वितीय श्रेणी में पास हुए। खास बात यह है कि स्कूल में प्राचार्य के साथ बाकी सभी अतिथि शिक्षकों ने विद्यार्थियों को पढ़ाया। प्राचार्य अशोक कुमार सक्सेना ने बताया सत्र शुरू होने के साथ ही उन्होंने जुलाई-अगस्त से ही शिक्षकों को कार्ययोजना बनाकर दी। जिसमें प्रत्येक एक यूनिट पूरी करने के बाद प्रतिदिन तीन-तीन प्रश्नों के जवाब विद्यार्थियों को याद करके आने का लक्ष्य दिया गया। इसी को नियमित अभ्यास बनाया। जिससे यूनिट पूरी करते ही विद्यार्थी का अभ्यास भी होता गया। कमजोर विद्यार्थियों को चिन्हित करके उन्हें उत्कृष्ट विद्यार्थियों के साथ कक्षा में बैठाने की व्यवस्था की गई। इससे रिजल्ट में सुधार आया। 

नो होमवर्क लेकिन स्पेशल क्लास ने 100 प्रतिशत दिलाया

शहर में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय माधवगंज में कक्षा 10वीं में सभी 15 विद्यार्थी पास हुए। जिसमें से 9 प्रथम श्रेणी में और 6 द्वितीय श्रेणी में पास हुए। प्राचार्य पीएन महाजन ने बताया रिजल्ट बेहतर बनाने के लिए उन्होंने होमवर्क देने की बजाय स्कूल में ही अभ्यास पूरा करने का तरीका अपनाया। यह तरीका कारगर भी सिद्ध हुआ। इसके अलावा सितंबर के महीने से ही स्कूल में अतिरिक्त कक्षाओं की शुरुआत कर दी गई। जिसमें प्रतिदिन 1.5 घंटे विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की निगरानी में विद्यार्थियों को बेहतर बनाने के लिए कार्य किया गया। परीक्षा शुरू होने के दो महीने पहले से रविवार के दिन भी अतिरिक्त कक्षाएं संचालित की। स्कूल के अन्य शिक्षकों ने भी इसमें सहयोग दिया। 

स्कूल में कई बार बोर्ड परीक्षा का ट्रायल कराया

शासकीय हाई स्कूल नौगांवा में कक्षा 10वीं में सभी 29 विद्यार्थी पास हुए। इनमें से 14 प्रथम श्रेणी में और 15 द्वितीय श्रेणी में पास हुए। प्राचार्य चंद्रा नाहटे ने बताया उन्होंने पूरे साल विद्यार्थियों की अतिरिक्त कक्षाएं चलाई। साथ ही पालकों से भी लगातार मॉनीटरिंग रखी। हर दिन पालकों को फोन लगाकर जाना कि विद्यार्थी घर पर कितनी देर पढ़ रहा है, कब उठ रहा है आदि। बोर्ड की तरह ही स्कूल में ही परीक्षा की शुरुआत की गई। जनवरी-फरवरी में ही सात बार स्कूल में ऐसी परीक्षाएं रखी। इसमें भी खास बात यह रही कि इन परीक्षाओं में जो प्रश्न विद्यार्थी छोड़ देते थे, उनकी जानकारी अगले दिन शिक्षकों द्वारा दी जाती थी। 

सफलता का रहस्य: स्मार्टफोन पर होमवर्क

शासकीय मॉडल स्कूल घटि्टया में कक्षा 10वीं के सभी 59 विद्यार्थी पास हुए। खास बात यह है कि इनमें से 49 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में पास हुए। जबकि अन्य 10 द्वितीय श्रेणी में पास हुए। प्राचार्य राजेश राठौर ने बताया विद्यार्थियों को साल की शुरुआत से शिक्षक पालकों की भूमिका में रहते हुए इमोशनल रूप से विद्यार्थियों से जुड़े। अतिरिक्त कक्षाओं के अलावा स्कूल में विद्यार्थियों के बीच ही ग्रुप डिस्कशन के अभ्यास शुरू किए। विद्यार्थियों को मोबाइल चलाने के दौरान भी पढ़ाई की आदत से जोड़ा ताकि वे मोबाइल पर पाठ्यक्रम से संबंधित जानकारियां ले सके। विद्यार्थियों से अगले दिन कक्षाओं में मोबाइल चलाने से प्राप्त शिक्षा की जानकारी भी ली जाती रही, जिससे विद्यार्थी मोबाइल पर भी पढ़ने की आदत से जुड़ गए। 

साल भर टेस्ट चलते रहे, छात्रों पर परीक्षा का दवाब ही नहीं आया

शा. ज्ञानोदय आवासीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लालपुर में कक्षा 10वीं के सभी 49 विद्यार्थी पास हुए। सबसे अहम बात यह है कि सभी 49 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में ही पास हुए। प्राचार्य कीर्ति पटवर्धन ने बताया आवासीय विद्यालय होने के कारण शिक्षकों ने पूरा समय केवल पढ़ाने पर ही फोकस किया। साल की शुरुआत से ही यह तरीका अपनाया गया कि एक चैप्टर समाप्त होने के बाद ही विद्यार्थियों के बीच उसका ग्रुप डिस्कशन किया गया और टेस्ट लिया गया। इससे लगातार पूरे साल ही विद्यार्थियों का अभ्यास चलता रहा। जिससे परीक्षा के दिनों में उन पर पढ़ाई का दबाव नहीं आया। कुछेक विद्यार्थी कमजोर चिन्हित करके उनकी अतिरिक्त कक्षाएं सत्र की शुरुआत से ही लगाई जाने लगी। 

कोचिंग स्टाइल में पढ़ाई कराई 

शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लेकोड़ा में कक्षा 12वीं के सभी 10 विद्यार्थी पास हुए। जिसमें से 6 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में और 4 विद्यार्थी द्वितीय श्रेणी में पास हुए। प्राचार्य बलवंत सिंह ठाकुर ने बताया शिक्षा सत्र की शुरुआत होने के साथ ही विद्यार्थियों को कोचिंग स्टाइल में पढ़ाई करवाई गई। प्रत्येक अध्याय में महत्वपूर्ण बिंदुओं का अभ्यास कराने शुरू करवाया गया। ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण विद्यार्थियों को पढ़ाई से जोड़ने के लिए सुबह-शाम दो घंटे उनके पालकों को भी साथ बैठाकर अध्ययन की शुरुआत की गई। जिससे विद्यार्थियों का शैक्षणिक स्तर बढ़ा और उनमें पढ़ाई के लिए नियमित रहने की आदत आई। पालकों को भी समय-समय पर प्रेरित करने के लिए शिक्षकों ने उनकी भी काउंसलिंग की। 

छात्रों के घरों में टाइम टेबल लगवाया

शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चामलेश्वर में कक्षा 12वीं के सभी 20 विद्यार्थी पास हुए। इसमें से 11 प्रथम श्रेणी में और 9 विद्यार्थी द्वितीय श्रेणी में पास हुए। स्कूल में प्राचार्य केसी गोयल के साथ एकमात्र शिक्षिका और 11 अतिथि शिक्षकों ने अध्यापन करवाया। प्राचार्य गोयल ने बताया रिजल्ट को बेहतर बनाने के लिए प्रत्येक विद्यार्थी का घर में भी टाइम टेबल तैयार करवाया गया। विद्यार्थी घर पर कितना समय पढ़ाई के लिए देता है, इसको ध्यान में रखकर यह चार्ट बनवाया गया। उनके घरों में यह समय सारणी लगवाई गई और समय-समय पर शिक्षकों द्वारा पालकों से रिपोर्ट लेते रहे। इसके अलावा पूरे साल अतिरिक्त कक्षाएं लगवाई, जिससे रिजल्ट बेहतर रहा।

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