राजगढ़। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (SHIVRAJ SINGH CHOUHAN) ने सोमवार को माचलपुर में चुनावी सभा के दौरान बिजली कटौती को लेकर ऊर्जा मंत्री प्रियवृत सिंह खींची (Energy Minister Priyavrat Singh khichi) को जमकर घेरा। उन्होंने ऊर्जा मंत्री के विस क्षेत्र में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अरे भैया प्रियव्रत बिजली नहीं आएगी तो लोग कहेंगे कि नहीं कहेंगे। कितनों को बंद करवाओगे। अब जब-जब बिजली जाएगी तो मामा याद आएगा।
सरकार चलाना आ नहीं रही, दोष भारतीय जनता पार्टी को देते हो
श्री चौहान ने कहा कि अरे भैया प्रदेश में हालत यह है रे प्रियवृत। तुम्हारे मुख्यमंत्री वोट डालने गए तो पोलिंग बूथ पर बिजली चली गई। उन्होंने मोबाइल से वोट डाला। अब कमलनाथ कह रहे हैं कि बिजली चली गई। तो अब क्या कमलनाथ को बंद करवाओगे। अकेले कमलनाथ नहीं कह रहे हैं। दिग्गी राजा भोपाल में जनरेटर लेकर घूम रहे हैं। अब क्या दिग्विजयसिंह को भी बंद करवाओगे। श्री चौहान ने कहा कि कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि बिजली भाजपा वाले नहीं आने दे रहे हैं। अरे जरा तो शर्म करो रे...। नाचना जाने आंगन टेढ़ा। सरकार चलाना आ नहीं रही, दोष भारतीय जनता पार्टी को देते हो।
निकम्मे मंत्री इस्तीफा देकर अलग हो जाओ
प्रियवृत जैसे निक्कमे मंत्री से मैं कहना चाहता हूं कि तुम से विभाग नहीं संभल रहा है तो इस्तीफा देकर अलग हो जाओ। निर्दोष कार्यकर्ताओं को जेल भिजवाओगे, जमानत नहीं होने दोगे। प्रशासन के लोग भी संभल जाओ। सभा में लोस संयोजक नारायणसिंह पंवार, हजारीलाल दांगी सहित भाजपा नेता मौजूद थे।
10 साल में दिग्विजय-प्रियवृत ने क्या दिया
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री चौहान ने कहा कि मैंने यहां के लिए क्या नहीं दिया। मोहनपुरा, कुंडालिया डैम मैंने दिया। उन्होंने कहा कि दिग्गी राजा तुम जवाब दो। तुम 10 साल मुख्यमंत्री रहे, तुमने पानी की एक बूंद राजगढ़ जिले में नहीं दी। राजगढ़ जिले को अंधेरा व सूखा बनाने वाले क्या वोट पाने के हकादार हैं। मैंने जी-जान लगाकर राजगढ़ के लिए काम किया। पानी, सड़क बिजली घर-घर पहुंचाई। स्कूल कालेज खोले। इससे पहले दिग्विजसिंह व प्रियवृत ने क्या दिया। वोटों के टाइम पर आ जाते हैं वोट मांगने के लिए और चले जाते हैं।
सभा को संबोधित करते हुए श्रीसिंह ने कहा कि किसानों की फसलें खराब हुई तो देखने दिग्विजयसिंह व कमलनाथ नहीं आए, शिवराजसिंह ही आया। शिवराज केवल उन्हें राहत देने के लिए बहाने खोजता था। हमारा मानना होता था कि किसानों को कैसे लाभ दिया जाए, लेकिन अब आप ही बताओ किसानों को कोई लाभ मिल रहा है क्या। किसी के दो लाख रुपए माफ हुए क्या।