नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की मनमानी से नाराज राहुल गांधी इस्तीफे पर अड़ गए हैं। उन्होंने दोटूक कह दिया है कि पार्टी अपने लिए नए अध्यक्ष की तलाश कर ले। CWC MEETING के बाद अब वो कांग्रेस नेताओं से मुलाकात भी नहीं कर रहे हैं। बता दें कि राहुल गांधी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व कैबिनेट मंत्री पी चिदम्बरम से नाराज हैं। उनका सीधा आरोप है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी से ज्यादा परिवार को महत्व दिया और चुनाव प्रचार नहीं किया।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने से इन्कार कर दिया
सोमवार को उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने से इन्कार कर दिया, जबकि मुलाकात पहले से तय थी। वहीं राहुल ने नक्शेकदम पर चलते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों में भी हार की जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा देने का सिलसिला तेज हो गया है। पार्टी की हार की तह तक जाने की सूबों में आवाज भी उठने लगी हैं।सोमवार सुबह ग्यारह बजे उनकी गहलोत के साथ बैठक तय थी। लेकिन आखिरी वक्त में राहुल ने गहलोत से मिलने से इन्कार कर दिया और उन्हें पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल से मिलने को कह दिया।
पार्टी को नए अध्यक्ष की तलाश करनी चाहिए: राहुल गांधी
पार्टी नेताओं की तरफ से सोमवार को वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और केसी वेणुगोपाल ने राहुल गांधी से मुलाकात की। बताया जाता है कि इन दोनों ने राहुल से इस्तीफा वापस लेने की पार्टीजनों की भावना को देखते हुए उनसे अपना इरादा बदलने का आग्रह किया। मगर राहुल ने स्पष्ट कह दिया कि वो अपना इरादा तय कर चुके हैं और पार्टी को नए अध्यक्ष की तलाश करनी चाहिए।
हालांकि, अहमद पटेल ने ट्वीट कर कहा कि कार्यसमिति की बैठक से पहले ही उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष से प्रशासनिक कामकाज के मसले पर चर्चा के लिए समय मांगा था। सोमवार की मुलाकात इसी संदर्भ में हुई थी। इस बैठक को लेकर जो भी अटकले लगाई जा रही हैं वह गलत और आधारहीन हैं।
कार्यसमिति की बैठक में राहुल ने यह भी संदेश दे दिया था कि पार्टी के नए अध्यक्ष के लिए गांधी परिवार के बाहर के चेहरे के विकल्प पर ही गौर करना होगा। इस तरह अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा को अध्यक्ष बनाने की कांग्रेस नेताओं की किसी पहल पर उन्होंने पहले ही ब्रेक लगा दिया।
कांग्रेस मौजूदा हालत में राहुल का विकल्प तलाशने के लिए अभी तैयार नहीं दिख रही तो वहीं राज्यों के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों पर भी नैतिक जिम्मेदारी लेने का दबाव बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस कार्यसमिति में सूबे के दिग्गजों की भूमिका पर राहुल के तीखे सवालों के बाद राजस्थान में तो दो मंत्रियों रमेश मीना और उदयलाल अंजना ने सूबे में पार्टी के सफाए की गहरी पड़ताल की खुली वकालत की है। ताकि कांग्रेस को आगे आने वाले चुनावों में ऐसी खराब स्थिति का सामना नहीं करना पड़े। वहीं झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने भी सूबे में पार्टी के दयनीय प्रदर्शन के बाद अपना इस्तीफा हाईकमान को भेज दिया है।
पंजाब कांग्रेस के प्रमुख सुनील जाखड़ ने सूबे में पार्टी के अच्छे प्रदर्शन के बावजूद गुरुदासपुर में अपनी हार के मद्देनजर इस्तीफा दे दिया है। असम कांग्रेस के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने भी त्यागपत्र नेतृत्व को भेज दिया है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राजबब्बर और ओडिशा के पार्टी अध्यक्ष निरंजन पटनायक पहले ही इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं।