भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के पत्र के जबाव में पत्र जारी करके कहा है कि आपके कहने मात्र से अथवा प्रमाण पत्र दिखाने से कर्जमाफी नहीं हो जाती। अगर आपने ईमानदारी से कर्जमाफी की है तो आप बैंक का ट्रांजेक्शन सामने रखिए। कर्जमाफी तब होती है जब बैंकों में सरकार पैसा जमा करती है।
उन्होंने कहा है कि कांग्रेस सरकार अपने वचनो को पूरा करने में बुरी तरह असफल साबित हुई है। सरकार ने आचार सहिंता के नाम पर भी किसानों से कर्जमाफी का झूठ बोला है। कांग्रेस के वचन पत्र में सभी किसानों के कर्ज माफी की बात की गयी थी, लेकिन सरकार के पहले आदेश में ही यह वचन झूठा पाया गया। क्योंकि सरकार के पहले आदेश में संपूर्ण कर्जमाफी की जगह अल्पकालीन फसल ऋणमाफी लिखकर लाखों किसानों से धोखा किया गया, उन्हें कर्जमाफी के लाभ से वंचित किया गया।
पत्र में लिखा गया है कि आपने 10 दिन में 55 लाख किसानों का कर्जा माफ करने का वचन दिया था और 4 माह बाद मात्र 21 लाख किसानों के कर्ज माफी के झूठे दावे पेश कर रहे है। श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि आप मुझे संतुष्ट करने के बजाए किसान भाइयों को संतुष्ट करें। किसानों को प्रमाण पत्र दिखाने से कुछ नहीं होगा बल्कि जिन 21 लाख किसानों के कर्ज माफ़ी की चर्चा कर रहे हैं उनके बैंक ट्रांसेक्शन डिटेल्स दिखाइए। कमलनाथ जी आप नवनिर्मित वातानुकूलित वल्लभ भवन से बाहर निकलकर किसानों के बीच जाइए तब आपको वास्तविक स्थिति पता चलेगी।
श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि मुख्यमंत्री जी अब तो चुनाव सम्पन्न हो गए है। अब आप स्वीकार करें कि कर्जमाफी में आपकी सरकार फेल हुई है।