मध्यप्रदेश में फिलहाल 26 सीटों पर भाजपा का कब्जा है। 2014 में 27 सीटें भाजपा के पास थीं। विधानसभा चुनाव 2018 के बाद बदले हुए राजनीतिक माहौल में 2019 के लोकसभा चुनाव में भी इसका असर दिखा। टाइम्स नाउ और वीएमआर द्वारा मध्यप्रदेश की 29 सीटों पर किए गए एग्जिट पोल में भाजपा को 3 सीटों का नुकसान होता दिख रहा है। एग्जिट पोल के नतीजों के अनुसार भाजपा को केवल 24 सीटें मिलती दिख रही है। वहीं कांग्रेस के 5 सीटों पर विजयी होने की संभावना है। इस तरह पिछले आमचुनाव की तुलना में भाजपा को मध्य प्रदेश में 3 सीटों का नुकसान और कांग्रेस को 3 सीटों का फायदा होता दिख रहा है।
कांग्रेस कितनी सीटों पर मजबूत
छिंदवाड़ा: यहां से सीएम कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ प्रत्याशी हैं। यह सीट कमलनाथ की सीट मानी जाती है। भाजपा ने यहां से कोई दमदार प्रत्याशी नहीं उतारा। एक तरह से नकुल नाथ का यह सीट गिफ्ट कर दी है।
गुना-शिवपुरी: ज्योतिरादित्य सिंधिया की सीट है। 2014 में भी जीते थे। इस बार भाजपा ने यहां से डमी प्रत्याशी उतारा। यहां कोई प्रतिस्पर्धा ही नहीं थी। हालांकि नाराज जनता ने मोदी के नाम पर भाजपा को भी वोट दिए हैं।
भोपाल: कांग्रेस की ओर से दिग्विजय सिंह और भाजपा की ओर से प्रज्ञा सिंह ठाकुर प्रत्याशी हैं। टक्कर कांटे की रही। यह सीट किसके खाते में जाएगी 23 मई की रात तक कोई कुछ नहीं कह सकता।
सीधी: कांग्रेस नेता अजय सिंह राहुल के लिए प्रतिष्ठापूर्ण सीट है। भाजपा ने यहां पक्षपात का आरोप भी लगाया है।
झाबुआ-रतलाम। कांग्रेस के आदिवासी नेता कांतिलाल भूरिया का क्षेत्र है। 2014 में भाजपा नेता दिलीप सिंह भूरिया ने इसे छीन लिया था परंतु उनके देहांत के बाद उपचुनाव में फिर से कांतिलाल भूरिया का कब्जा हो गया।
इंदौर: भाजपा ने सुमित्रा महाजन का टिकट काटा। चुनाव प्रचार में कैलाश विजयवर्गीय शामिल नहीं हुए। अत: माना जा रहा है कि भाजपा यहां कमजोर हुई है।
अन्य ऐजेंसियों के EXIT POLL नतीजे
सी-वोटर: 24/5
एक्सिस माय इंडिया 26-28/1-3
टुडेज चाणक्य 27/2
नीलसन 27/2