आदरणीय मुख्यमंत्रीजी, वर्तमान शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा में म.प्र सरकार ने तीन वर्ष एवं 200 कार्य दिवस तक शासकीय विधालयों में सेवा दे चुके अतिथि शिक्षकों हेतु 25% पद आरक्षित किए है जिस पर पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद 25% शिक्षक पदों पर अतिथि शिक्षकों कों वरीयता दी जाएगी।
जिसके लिए अभी एजुकेशन पोर्टल के माध्यम से अनुभव प्रमाण पत्र बनना शुरू हो गये है परंतु इन प्रमाणपत्रों में अनेक प्रकार की विसंगति है क्योंकि इनको ईकेवाईसी करते समय आधारकार्ड, समग्र आईडी से लिंक करना है परंतु जब हम इन प्रमाण पत्रों को इस प्रक्रिया को संपन्न करने के बाद अनुभव प्रमाण पत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू करते है तो इन प्रमाण पत्रों में अनेक प्रकार की विसंगति है जैसे कि नाम गलत होना, जन्मतिथि संबंधी त्रुटि, कार्यदिवसों का कम दिखना, कई शैक्षणिक सत्रों का डाटा पोर्टल पर उपलब्ध न होना, आधार कार्ड एवं समग्र आईडी में भी डाटा विसंगति पूर्ण हो सकता है जो कि परेशानी का कारण बनता है।
मैने खुद पूर्व के अपने 9 वर्ष के कार्यकाल में से 6 वर्ष शासकीय हाईस्कूल बींझा जिला रायसेन में पढ़ाया है 1000 से अधिक कार्यदिवसों में परंतु पोर्टल पर 600 कार्यदिवस के लगभग डाटा उपलब्ध है जिससे मुझे अनुभव संबंधी हानि होगी व 2006 से 09 तक का डाटा तो पोर्टल पर हैं ही नहीं।
इसका उपाय-
यदि म.प्र स्कूल शिक्षा विभाग चाहे तो अतिथि शिक्षकों ने अपने आनलाइन रजिस्ट्रेशन के समय पूर्व में जो शैक्षणिक कार्यानुभव संबंधी प्रमाण पत्र स्कूलों से बनबाए थे व उनको संकुल प्राचार्य द्वारा सत्यापित भी कराया गया था पोर्टल पर अपलोड भी किया गया था अतिथिशिक्षक प्रबंधन प्रणाली रजिस्ट्रेशन में आनलाइन रजिस्ट्रेशन के समय उनको ही अब इस शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण के लिए अनुभव प्रमाण पत्र मानकर उनका ही सत्यापन जिलाशिक्षाधिकारी महोदय से कराये तो पूर्व में अतिथिशिक्षकों द्वारा बनबाए ये प्रमाणपत्र जिनमें सत्र बार उनका कार्यदिवस डाटा है व ये संस्था प्रधान व संकुल प्राचार्य से सत्यापित भी है इनको ही मान्य करे तो अतिथिशिक्षक व शिक्षा विभाग के कर्मचारीयों को राहत होगी क्योंकि 2006 से अब तक का प्रतिमाह कार्यदिवस संबंधी डाटा पोर्टल पर तो है ही नहीं साथ ही संस्था या संकुल पर भी उपलब्ध होना मुश्किल है जबकि पूर्व में बन चुके इन प्रमाण पत्रों में सत्रवार कार्यदिवसों का डाटा उपलब्ध हैं जो कि विश्वसनीय है व फिर से नये अनुभव प्रमाण पत्र बनबाने की प्रक्रिया अव्यवहारिक है इन पूर्व में बन चुके प्रमाण पत्रों का सत्यापन ही अतिथिशिक्षक हित में होगा व सुविधाजनक भी अतिथिशिक्षक एवं शिक्षा विभाग दोनों के लिए।
सादर धन्यवाद
आशीष कुमार बिरथरिया
उदयपुरा जिला – रायसेन म.प्र