नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के एक छात्र ने मौत का रहस्य जानने के लिए आत्महत्या कर ली। पुलिस ने बताया कि एमए सेकेंड ईयर के स्टूडेंट रिषि जोशुआ ने फांसी के फंदे पर लटकने से पहले एक कथित सुसाइड नोट अंग्रेजी के प्रोफेसर को ईमेल किया था। इसमें उसने लिखा था कि वो जिंदगी से मौत के बीच की स्थिति को महसूस करना चाहता है।
पुलिस के अनुसार, जोशुआ ने अपने प्रोफेसर को भेजे ई-मेल में कहा, 'कुछ समय से मैं मृत्यु की भौतिक स्थिति को महसूस करना चाह रहा हूं। जब तक आप यह ई-मेल पढ़ेंगे, मैं भौतिक अवस्था में नहीं रहूंगा। मेरे परिजनों का ध्यान रखना।' पुलिस को घटना के बारे में माही मांडवी छात्रावास के वार्डन ने सुबह साढ़े ग्यारह बजे बताया। जोशुआ इसी छात्रावास में रहता था।
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण पश्चिम) देवेंद्र आर्य ने कहा, 'फोन कॉल करने वाले माही मांडवी छात्रावास के प्रभारी से सम्पर्क करने के बाद पुलिस विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लैंग्वेजेज पहुंची।' अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने पाया कि लाइब्रेरी रूम के बेसमेंट में कक्ष भीतर से बंद था और दरवाजा खटखटाने पर कोई जवाब नहीं मिला।
DCP ने कहा-
डीसीपी देवेंद्र आर्य ने कहा, 'हमने खिड़की से देखा कि छत के पंखे से एक शव लटका हुआ है। दरवाजा खोला गया और केबल काटकर शव को नीचे उतारा गया।' उन्होंने कहा कि पुलिस की अपराध शाखा की एक टीम मौके पर पहुंची और जरूरी जांच की गई। आर्य ने बताया कि शव को सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया है। मृतक छात्र के रिश्तेदारों को सूचित कर दिया गया है और जोशुआ के रिश्तेदार मैथ्यू वर्गीज विश्वविद्यालय पहुंच गए हैं।
डीसीपी ने कहा, 'प्रारंभिक जांच के अनुसार जोशुआ का कुछ इलाज चल रहा था। उसने एक सुसाइड नोट अंग्रेजी के एक प्रोफेसर को मेल किया। प्रारंभिक जांच के अनुसार इसमें किसी तरह के किसी षड्यंत्र का संदेह नहीं है। आगे की जांच जारी है।' पुलिस को संदेह है कि छात्र कुछ समय से अवसाद में था. पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि इसका कारण कोई प्रेम संबंध था या कुछ और।