नई दिल्ली। लोकसभा में 33 प्रतिशत महिला सांसदों को भेजने के साथ ही ओडिशा ने सबसे कम उम्र की महिला सांसद को भी लोकसभा में भेजा है। देश की सबसे कम उम्र की महिला सांसद 25 वर्षीय चंद्राणी मर्मू इंजिनियरिंग में स्नातक हैं। वह बीजू जनता दल (बीजेडी) के टिकट पर क्योंझर लोकसभा सीट से चुनाव लड़कर सदन पहुंची हैं। यह सीट अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित है।
25 साल 11 माह आयु की मर्मू लोकसभा में इतिहास बनाने जा रही हैं। वह अब तक की सबसे कम उम्र के सांसद होने का खिताब अपने नाम करने जा रही हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में मर्मू ने 67,822 मतों के अंतर से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दो बार से सांसद रहे अनंत नायक को हराया है। कुछ महीने पहले, वह किसी भी अन्य लड़की की तरह ही 2017 में भुवनेश्वर स्थित एसओए विश्वविद्यालय से बी. टेक पूरा करने के बाद नौकरी खोज रही थीं और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही थीं। चंद्राणी ने कहा, 'मैं अपनी इंजिनियरिंग पूरा करने के बाद नौकरी खोज रही थी। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं राजनीति करूंगी और सांसद बनूंगी। मेरा नामांकन अप्रत्याशित था।'
नाना हरिहर सोरेन रहे हैं सांसद
मर्मू ने उन्हें मौका देने के लिए क्योंझर के लोगों और बीजू जनता दल के प्रमुख नवीन पटनायक का शुक्रिया अदा किया। गौरतलब है कि चंद्राणी मर्मू के नाना हरिहर सोरेन 1980-1989 तक दो बार कांग्रेस से सांसद रहे। हालांकि, मर्मू का परिवार राजनीति में सक्रिय नहीं है।
2014 में दुष्यंत चौटाला थे सबसे कम उम्र के सांसद
इससे पहले इंडियन नैशनल लोकदल के दुष्यंत चौटाला 16वीं लोकसभा में सबसे कम उम्र के सांसद थे। उन्हें 2014 में हिसार लोकसभा सीट से 26 साल की उम्र में चुना गया था। ओडिशा में कुल 21 संसदीय सीट हैं जिनमें से सात महिला सांसद चुनी गईं हैं। यह संख्या राज्य में कुल सांसदों का 33 फीसदी है। ओडिशा संसद में 33 प्रतिशत महिला सांसदों की हिस्सेदारी वाला पहला राज्य है।