नयी दिल्ली। लोकसभा चुनाव के बीच भारतीय जनता पार्टी के आर्थिक मामलों के प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने उद्योग मंडल एसोचैम द्वारा आयोजित उद्योग एवं विदेशी प्रतिनिधियों के साथ संवाद सत्र में स्पष्ट रूप से कहा कि बड़ी संख्या में सरकारी नौकरियां सृजित करना मुश्किल है। सरकार सरकार मैन्युफैक्चरिंग पर ध्यान देने के साथ स्व-रोजगार को बढ़ावा दे रही है।
उद्योग मंडल एसोचैम द्वारा आयोजित उद्योग एवं विदेशी प्रतिनिधियों के साथ संवाद सत्र में अग्रवाल ने कहा, ‘‘रोजगार खंड में नये रोजगार चाहने वालों में भारत की वृद्धि दर अधिक है। इतनी बड़ी संख्या में युवाओं को (सार्वजनिक क्षेत्र में) नई नौकरी नहीं दी जा सकती। इसीलिए हमारा जोर उद्यमिता और स्व-रोजगार पर है।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा नीत सरकार विनिर्माण क्षेत्र पर जोर देकर रोजगार सृजन की समस्या के समाधान की दिशा में काम कर रही है। पूर्व की सरकारों का इस क्षेत्र पर जोर नहीं रहा है।
अग्रवाल ने कहा, ‘‘हम विनिर्माण क्षेत्र, एमएसएमई क्षेत्र के विकास, स्व-रोजगार पर अधिक जोर देने की कोशिश करते रहे हैं। अंतत: हमारा जोर कारोबारी समुदाय के लिये कारोबार सुगमता पर रहा है। भविष्य में इस मामले में रैंकिंग में कम-से-कम 50वें स्थान पर आने का लक्ष्य है।’’ विश्वबैंक की पिछले साल अक्टूबर में जारी कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत 77वें स्थान पर है। भाजपा के घोषणापत्र का जिक्र करते हुए अग्रवाल ने कहा कि उनकी सरकार का 2022 तक 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने को लेकर रूपरेखा एकदम साफ है।