भोपाल। राजधानी के दो जालसाजों ने पाॅली हाउस (Poly House) लगाने के नाम पर पांच किसानों (KISSAN) से सात लाख रुपए ठग (Thug) लिए। आरोपी पाॅली हाउस लगाने के लिए गांव में जाकर सर्वे भी करके आए थे। पुलिस ने किसानों की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और अमानत में खयानत का मामला दर्ज किया है।
निशातपुरा पुलिस के मुताबिक ग्राम तिंदोनिया, नरसिंहगढ़ निवासी अरुण पटेल (Arun Patel) गांव में पाॅली हाउस लगाना चाहते थे। इसकी जानकारी लेने वे गोविंदपुरा स्थित ऑफिस पहुंचे थे। गत दिसंबर 2017 में ऑफिस (OFFICE) के बाहर उन्हें देवेंद्र दोडके (Devendra Dodke) नामक व्यक्ति मिला था। मूलत: बैतूल निवासी देवेंद्र अलंकार हाइट्स करोंद में रहता था। देवेंद्र ने अरुण को भरोसा दिलाया कि वह पाॅली हाउस कंपनी में सर्विस करता है और सस्ते दाम में उनका काम कर देगा। उसने प्रति किसान तीन लाख रुपए का खर्च बताया। साथ ही यह भी कहा कि पांच किसानों का ग्रुप होने पर ही पाॅली हाउस लग सकेगा। देवेंद्र की बातों में आकर अरुण ने गांव के चार और किसानों को तैयार किया। देवेंद्र ने गांव जाकर पाॅली हाउस के लिए सर्वे किया। इसके बाद उसने अरुण से तीन लाख रुपए एडवांस ले लिए। एडवांस लेने के बाद उसने काम शुरू नहीं किया। इसके बाद वह आनाकानी करने लगा।
अरुण ने जब पाॅली हाउस के ऑफिस में देवेंद्र के संबंध में जानकारी ली तो पता चला कि वह वहां काम ही नहीं करता है। इसके बाद भी देवेंद्र बोलता रहा कि वह पाॅली हाउस बनवा देगा। जब अरुण ने एग्रीमेंट निरस्त कर तीन लाख रुपए वापस मांगे तो उसने रकम वापस नहीं की। देवेंद्र और उसके दोस्त सतेंद्र जोशी ने अरुण को बताया कि वे सात लाख की आई-20 कार फाइनेंस करा रहे हैं। उन्होंने अरुण को सलाह दी कि वह चार लाख रुपए डाउन पेमेंट कर दें, तीन लाख फाइनेंस करा लेंगे। लोन की किस्त देवेंद्र जमा करता रहेगा। कार वह अरुण को दे देंगे। अरुण सौदे के लिए तैयार गया और फरवरी 2018 में अपने खाते से चार लाख रुपए फाइनेंस कंपनी को आरटीजीएस किए, लेकिन रकम ट्रांसफर नहीं हो सकी। अगले दिन आरोपियों ने अरुण के खाते से चार लाख रुपए भी निकाल लिए। इसके बाद आरोपी फरार हो गए। काफी तलाशने के बाद भी जब वे नहीं मिले तो नवंबर 2018 में अरुण समेत अन्य किसानों ने उनके साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत की थी। पुलिस ने जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।