भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से लोकसभा प्रत्याशी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने दुनिया के सबसे जघन्य मुंबई आतंकवादी हमले में मारे गए ATS चीफ हेमंत करकरे की शहादत को उनके कर्मों की सजा बताया है। चुनावी दौर में यह प्रज्ञा सिंह का पहला विवादित बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि, 'हेमंत करकरे की आतंकवादियों द्वारा हत्या उनके कर्मों की सजा है। जो कि उन्होंने मुझे गलत तरीके फंसाकर की।'
हेमंत करकरे देशद्रोही था: प्रज्ञा सिंह
साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि, 'एक राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग के सदस्य को उन्होंने भेजा, हेमंत करकरे को उन्होंने मुंबई बुलाया। उस समय मैं मुंबई जेल में थी। राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग के सदस्य ने हेमंत करकरे को बुलाकर कहा कि जब तुम्हारे पास सबूत नहीं है तो साध्वी जी को छोड़ दो। बिना सबूत के इनको रखना गैरकानूनी है। लेकिन उसने कहा कि, मैं कुछ भी करूंगा, कहीं से भी सबूत लेकर आऊंगा, लेकिन साध्वी को नहीं छोडूंगा।' साध्वी ने आगे बोला कि, 'ये उसकी कुटिलता थी, ये देशद्रोह था, ये धर्म विरुद्ध था। वो मुझसे तमाम तरह के प्रश्न करता था कि ऐसा क्यों हुआ? वैसा क्यों हुआ? मैं उसे कहती मुझे क्या पता भगवान जाने तो उसने कहा कि, क्या मुझे ये जानने के लिए भगवान के पास जाना पड़ेगा। मैंने कहा, बिल्कुल अगर आपको आवश्यकता है तो आप जरूर जाइए।'
मुझे जेल में डाला इसलिए कांग्रेस शासन का अंत हुआ: प्रज्ञा सिंह
साध्वी आगे कहतीं है कि, 'आपको विश्वास नहीं होगा, लेकिन मैंने उसे कहा कि तेरा सर्वनाश होगा। मुझे असहनीय यातनाएं और गालियां दी गई। जब किसी के यहां मृत्यु या जन्म होता है तो ठीक सवा महीने में सूतक लगता है। जिस दिन मैं गई थी, उस दिन सूतक लग गया था और जिस दिन आतंकवादियों ने उसे मारा, सूतक खत्म हो गया था।' उन्होंने आगे कहा कि, 'भगवान राम के काल में रावण को संन्यासी के द्वारा करवाया गया, द्वापर युग में कंस द्वारा जेल में ठूसे गए संन्यासी और संतों का श्राप लगा और उसकी मृत्यु हुई। 2008 में जब मैं जेल गई और आसुरी शक्तियां यहां व्याप्त हो गई और कांग्रेस के धर्म विरुद्ध गई, संन्यासी को निरपराध अंदर डाला गया, उस दिन मैंने कहा, इस शासन का अंत और सर्वनाश हो जाएगा और आज प्रत्यक्ष उदाहरण आपके सामने है।'