नीमच / कमलेश सारड़ा। नीमच, चुनाव का दौर है, नेताओं की गावों में आवाजाही होने लगी है। हर बार की तरह लोकसभा चुनाव के लिए सांसद बनने की ललक में नेताजी वोट मांगने जाएंगे लेकिन इस बार तस्वीर अलग है। मध्यप्रदेश के नीमच जिले के कुछ गांव ऐसे हैं जहां पर वर्तमान सांसद को प्रवेश करना भी भारी पड़ सकता है। ग्रामीणों ने सांसद के लिए गांव में नो एंट्री का ऐलान कर दिया है, फिर भी वे गांव में आ जाते हैं तो जूते की माला से उनका स्वागत होगा। जानते हैं आखिर क्या है इन गावों का दुख और क्यों तमतमाए हैं ग्रामीण सांसद पर।
नीमच जिले की जमुनियाकलां पंचायत के आसपास चार गांव लाछ, लखमी, पिपलियाबाघ, धामनियां की आबादी करीब 12 हजार से अधिक है। मीटर गेज रेल लाइन के दौर में जमुनिया और इन गावों के बीच आवाजाही के लिए रेल लाइन पर मानव रहित फाटक हुआ करता था। ट्रेक्टर, बैलगाड़ियों की आवाजाही हो जाया करती थी। लेकिन ब्राड गेज बनने के बाद जमुनियाकला का वह फाटक हमेशा के लिए बंद कर दिया गया। किसानों के अधिकांश खेत पटरी के इस पार या उस पार हैं। न फसल ला सकते हैं न खेतों पर सुरक्षित जा सकते हैं। आवाजाही के लिए पटरी को ही पार करना पड़ता है। ऐसे में कई पशु ट्रेन की चपेट में आकर काल का ग्रास बन चुके हैं। खास कर के बारिश के समय और भी ज्यादा परेशानियों का सामना इस ग्रामीणों को करना पड़ता है। इस को लेकर ग्रामीणों की मांग है की यहाँ पर अंडरब्रिज बनाया जाए ताकि आने-जाने में परेशानी ना हो।
हजारों की किसानों की इस तकलीफ को लेकर ग्रामीण कई बार, विधायक, कलेक्टर से लेकर सांसद सुधीर गुप्ता तक अपनी बात पहुंचा चुके हैं। पत्र रेल विभाग के अधिकारियों को भी दिए गए लेकिन उनकी इस समस्या को कोई सुनने को तैयार नहीं है। पांच साल तक उन्हें केवल कोरे आश्वासन मिलते रहे, अब बारी जनता की है।
ग्रामीणों का कहना है कि सांसद केवल वोट लेने के समय उनके गांव में आए थे, पांच साल वे इन पीड़ित किसानों को पूरी तरह भूल गए। इस बार दोबारा वोट मांगने आएंगे तो ग्रामीण उन्हें सबक सिखाए बिना नहीं रहेंगे। वही इस पूरे मामले पर कलेक्टर राजीव रंजन ने बताया कि मतदान जरूरी है इस को लेकर ग्रामीणों से बात करेंगे और उन्हें मतदान करने की अपील करेंगे।