इंदौर। गांधीनगर थाने में आरोपी की पिटाई से मौत के मामले में सस्पेंड की गईं महिला पूर्व टीआई नीता देअरवाल ने अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि लोग दलित मुद्दा बना रहे हैं, मैं भी तो दलित हूं, मैने कभी मुद्दा नहीं बनाया। उन्होंने यह भी कहा कि हमने उसे ऐसा नहीं मारा की उसकी मौत हो जाए। हमें भी पता है कि कितना लेवल रखा जाए।
एक महिला इतनी क्रूर हो सकती है, अफसोस की बात है: मंत्री वर्मा
गांधी नगर में दलित की मौत को लेकर लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि एक महिला टीआई इतनी क्रूर कैसे हो सकती है। ये अफसोस की बात है। थाने में इतनी क्रूरता से पिटाई करने वाले टीआई सहित अन्य सभी पुलिस कर्मियों पर हत्या का प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस घटना की जितनी निंदा की जाए वह कम है। उन्होंने इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से भी बात की।
थाने में आरोपियों को शौचालय का पानी पिलाया जाता था ?
आरोप है कि टीआई नीता देअरवाल थाने में आरोपियों को शौचालय का पानी पिलाती हैं? इस पर नीता ने स्पष्टीकरण दिया कि यह सरासर झूठ है। मैंने कभी किसी आरोपी से ऐसा व्यवहार नहीं किया। हम तो कोई व्यक्ति आता है तो उसे कुर्सी पर बैठाकर सम्मान करते हैं। कई बार चाय पिलाते हैं। इतनी मानवीयता तो हममें भी है।
पूर्वी एसपी ने थानेदारों को पूछताछ करने के टिप्स दिए
अपने सामने आरोपियों से पूछताछ करें। कोई भी एसआई या अन्य पुलिसकर्मी उससे अलग से मारपीट न करें।
बीमारी और ऑपरेशन की जानकार लें। यदि उसकी कोई दवाई चलती है तो वह थाने लाकर समय-समय पर दी जाए।
ऐसा भोजन दें, जिसे वे खा सकें। खासकर उन्हें मौसमानुसार भोजन दें।
ज्यादा आरोपी हों तो निगरानी के लिए स्टाफ बढ़ाएं। रातभर हवालात पर नजर रखें।