जबलपुर। अध्यापक संवर्ग को 1 जुलाई 2018 से अध्यापक संवर्ग से परिवर्तित कर राज्य शिक्षा सेवक संवर्ग में प्राथमिक शिक्षक, माध्यामिक शिक्षक, हाईस्कूल शिक्षक का पदनाम दे दिया गया है लेकिन सरकारी एजुकेशन पोर्टल पर एवं सरकारी आदेशों में आज भी अध्यापक ही लिखा जा रहा है।
मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के अध्यापक प्रकोष्ठ के प्रांतीय संयोजक मुकेश सिंह ने बताया कि जुलाई 2018 से ही सातवें वेतनमान दिए जाने के आदेश हैं, उसके बाद भी प्रदेश के लगभग 90 फीसदी अध्यापकों को राज्य शिक्षा सेवा में शिक्षक संवर्ग में शामिल तो कर लिया गया है लेकिन न तो सातवें वेतनमान का लाभ मिल रहा है और न ही नए पदनाम का उपयोग किया जा रहा है। शासन द्वारा आज भी एजुकेशन पोर्टल व अन्य शासकीय आदेशों में अध्यापक संवर्ग ही अंकित किया जा रहा है। जिससे अध्यापक अपने आपके ठगा से महसूस कर रहे हैं न तो उन्हें इस संवर्ग का पदनाम मिल रहा है न ही आर्थिक लाभ।
संघ के नितिन अग्रवाल, श्यामनारायण तिवारी, महेश कोरी, संतोष तिवारी, मनोज सेन, राकेश दुबे आदि ने अध्यापकों के पदनाम परिवर्तन के अनुसार एजुकेशन पोर्टल पर राज्य शिक्षा सेवा दर्ज किया जाए। साथ ही आर्थिक लाभ भी तत्काल प्रदान किए जाएं।