तहसीलदार प्रदीप कौरव के सामने रिश्वत ले रहा रीडर पकड़ा: लोकायुक्त | MP NEWS

जबलपुर। लोकायुक्त पुलिस ने दावा किया है कि उसने एक छापामार कार्रवाई के दौरान कुण्डम तहसीलदार कार्यालय में तहसीलदार प्रदीप कौरव (TEHSILDAR PRADEEP KOURAV) के सामने किसान से रिश्वत के 4000 रुपए वसूल रहे रीडर दिलीप कुलस्ते (DILIP KULASTE READER OF TEHSILDAR) को गिरफ्तार किया है। बता दें कि 2015 में इंदौर में तहसीलदार प्रदीप कौरव का रीडर रिश्वत लेते गिरफ्तार हुआ था। 

लोकायुक्त डीएसपी जेपी वर्मा ने बताया कि 18 मार्च को विजय नगर शताब्दीपुरम निवासी अतुल ज्योतिकी ने शिकायत की थी कि उसने पौने 2 एकड़ जमीन कुण्डम के टिकरिया गांव में खरीदी है। जमीन का नामांतरण उसे अपने नाम पर कराना है। इसके लिए उसने कुण्डम तहसीलदार कार्यालय में तहसीलदार प्रदीप कौरव के रीडर दिलीप कुलस्ते सहायक ग्रेड 3 को आवेदन दिया था। रीडर दिलीप उससे जमीन का नामांतरण कराने के लिए 4 हजार रुपए की रिश्वत की मांग कर रहा है। डीएसपी वर्मा ने कार्रवाई के लिए निरीक्षक कमल सिंह उईके, ऑस्कर, आरक्षक अतुल श्रीवास्तव, जुबैद खान, राकेश विश्वकर्मा की टीम बनाई।

दो बार रुपए नहीं दे पाया
आरोपित रीडर दिलीप ने अतुल को दो बार तय रकम देने बुलाया लेकिन रीडर उसे मिला नहीं। इससे रकम देने की बात शुक्रवार को तय हुई। आरोपित रीडर दिलीप से जब अतुल की फोन पर बात हुई, तो उसने 4.30 बजे उसे तहसीलदार कार्यालय में रुपए लेकर आने को कहा। सूचना पर डीएसपी वर्मा और उनकी टीम ने डेढ़ बजे से ही घेराबंदी कर दी थी।

4 हजार रुपए ड्राज में रखते ही दी दबिश
आरोपित दिलीप के पास अतुल लगभग 4.30 बजे गया। रीडर दिलीप उसकी फाइल निकालकर बैठा हुआ था। तभी अतुल ने उसे 4 हजार रुपए दिए और रीडर ने रुपए लेकर ड्राज में रख लिए। रुपए ड्राज में रखते ही डीएसपी वर्मा और उनकी टीम ने कक्ष में घुसकर रीडर दिलीप को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। जिसके पास से 4 हजार रुपए जब्त किए गए।

तहसीलदार प्रदीप कौरव का रीडर 2015 में भी गिरफ्तार हुआ था

2015 में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था। लोकायुक्त डीएसपी बीएस परिहार ने बताया कि इंदौर के जावरा कम्पाउंड में रहने वाले जीतेंद्र साधवानी ने बरदरी ग्राम में एक ज़मीन खरीदी थी। उन्होंने लोकायुक्त पुलिस एसपी अरुण कुमार मिश्रा को यह शिकायत की थी कि इस ज़मीन के नामांतरण के लिए सिमरौल में पदस्थ अपर तहसीलदार प्रदीप कौरव 10 हजार रुपए की मांग कर रहे हैं। उन्होंने अपर तहसीलदार से फोन पर हुई चर्चा को रिकॉर्ड भी किया था। इस पर लोकायुक्त पुलिस का एक दल उनके साथ भेजा गया था। कौरव ने पैसे लेने की जवाबदारी अपने रीडर चौहान को दी थी। साधवानी ने उसके दफ्तर ही पहुंचकर उसको रिश्वत की राशि दी तो उसने रुपए टेबल के नीचे रखकर उस पर प्लास्टिक रख दी। रुपए रखते ही लोकायुक्त टीम ने उसे पकड़ लिया। रीडर चौहान और तहसीलदार कौरव के खिलाफ पुलिस ने प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया था। तत्समय चौहान को गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि कौरव की गिरफ्तारी नहीं हुई थी।

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