अध्यापकों का वेतन अब वेतन हेड से ही होगा | ADHYAPAK SAMACHAR

भोपाल। विवाह, बच्चों के एडमिशन पुस्तकें कापी आदि के इस माह होने वाले खर्चो आदि को देखते हुए राज्य अध्यापक संघ के जिला शाखा अध्यक्ष डी के सिंगौर ने आयुक्त जन जातीय कार्य विभाग भोपाल से बुधवार को आवंटन जारी कराने का प्रयास किया। बुधवार को ही जनजातीय कार्य विभाग के अधिकारियों की बैठक प्रमुख सचिव की उपस्थिति में हुई। 

जिसमें यह निर्णय हुआ कि अध्यापकों का डाटा कोषालय को उपलब्ध कराकर अतिशीघ्र एम्प्लाई यूनिक कोड जारी कराया जाये ताकि वेतन हेड से आईएफएमएस सिस्टम द्वारा वेतन भुगतान सुनिश्चत हो सके। उल्लेखनीय है कि अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों की प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक और उच्च माध्यमिक शिक्षक के रूप में नियुक्ति हो जाने के बाद राज्य शासन के कर्मचारी का दर्जा प्राप्त हो गया है और अब उनका वेतन, वेतन हेड से ही होगा। इसी के मद्देनजर लेखानुदान में इस संवर्ग के शिक्षकों के लिए मानदेय अनुदान का प्रावधान भी नहीं किया गया है। आयुक्त श्रीमती दीपाली रस्तोगी का मानना है कि यदि फिर से पुराने सिस्टम से अध्यापकों को वेतन दिया गया तो ट्रेजरी में एम्प्लाई यूनिक कोड की कार्रवाई जो जोर पकड़ी है वो फिर सुस्त हो जायेगी और प्रक्रिया में हम फिर पिछड़ जाएंगे वित्त प्रमुख सचिव ने स्वीकृति दे दी है अध्यापकों को वेतन, वेतन हेड से देने के लिए और विभाग लगातर कोषालय द्वारा मांगे जा रहे अध्यापकों के डाटा को उपलब्ध करा रहा है। 

जिला शाखा अध्यक्ष डी के सिंगौर के अनुसार नईं प्रक्रिया के प्रारम्भ होने में अध्यापकों का वेतन एक से  डेढ़ माह लटक सकता है यद्दपि यह प्रक्रिया जब भी की जायेगी वेतन की लटकने की समस्या तो आयेगी ही। नये सिस्टम से वेतन प्रक्रिया प्रारम्भ होने पर ही 7वें वेतनमान का लाभ लिया जा सकता है। विभाग चाहेगा तो लेखानु दान में प्रावधान न होने के बावजूद भी विशेष परिस्थिति में अन्य हेड से वेतन दे सकती है। जिला शाखा अध्यक्ष डी के सिंगौर ने नियुक्ति आदेश जारी करने वाले प्रभारी अधिकारी केके खरे से मुलाकात की और अवगत कराया कि उच्च माध्यमिक शिक्षकों के आदेश जारी नहीं हो रहे हैं और माध्यमिक शिक्षक के आदेश में विषय नहीं आ रहे हैं। श्री खरे ने बताया कि उच्च माध्यमिक शिक्षक के सारे आदेश डाउन लोड कर लिए गये हैं आचार संहिता के बाद जारी किये जाएंगे। 

जिनके केस में यूनिक कोड डालने पर रिकार्ड नॉट फाउंड आता है उनकी सूची तैयार कर ली गईं है डीडीओ को सूचित कर फिर से अपलोडिंग की कार्यवाही कराई जाएगी। उच्च माध्यमिक शिक्षक के आदेश में विषय का होना बहुत जरूरी नहीं है लेकिन माध्यमिक शिक्षक में विषय का होना बहुत जरूरी है सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के कारण ऐसा हुआ है। ऐसे प्रकरणों में डीडीओ से मेनुअल आदेश जारी कराने पर विचार चल रहा है। इधर उपायुक्त कार्यालय जबलपुर में चुनाव के कारण धीमी गति से आदेश जारी होने की प्रक्रिया चालू है। 

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