भोपाल। करीब 2 लाख करोड़ के कर्ज में चल रही मध्यप्रदेश सरकार का खजाना फिर से खाली हो गया है। लोन लेकर कर्मचारियों का वेतन बांट रही सरकार के पास इस बार गरीबों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन वितरित करने के लिए भी पैसे नहीं बचे। यह पेंशन महीने की 1 से 5 तारीख के बीच मिलती है, लेकिन मार्च महीने की पेंशन 12 अप्रैल तक खातों में नहीं पहुंची है।
शनिवार व रविवार को दो दिन अवकाश पड़ गया है। इस तरह यह पेंशन सोमवार के बाद ही आएगी। बताया जा रहा है कि सरकार के पास बजट नहीं होने के कारण पेंशन के भुगतान में देरी हुई है। पेंशन रुकने से सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारी परेशान हो रहे हैं। बता दें कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन 21 श्रेणियों में दी जाती है। इसके लिए हर महीने करीब 250 करोड़ रुपए के बजट की जरूरत पड़ती है। यह राशि सभी 21 श्रेणियों के पात्र हितग्राहियों को मिलती है। सूत्रों की माने तो आर्थिक संकट से जूझ रही सरकार को मार्च महीने की पेंशन के लिए बजट जुटाने में समय लग गया है। इसके कारण तय तारीखों में पेंशन का भुगतान नहीं हो पाया है।
सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नए वित्तीय वर्ष के कारण पेंशन भुगतान में समय लगा है। बजट की कोई कमी नहीं है। बिल लगा दिए गए हैं। जल्दी ही पेंशन का भुगतान हो जाएगा। इस संबंध में सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण मप्र के संचालक केजी तिवारी से बात की तो उन्होंने आचार संहिता के चलते कुछ भी कहने से मना कर दिया।
ऐसे परेशान हो रहे वृद्ध हितग्राही
भोपाल के करोंद निवासी कमला बाई ने बताया कि उन्हें सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत विधवा पेंशन मिलती है। इसमें 300 रुपए प्रतिमाह मिलते हैं। फरवरी की पेंशन 2 मार्च को खाते में आ गई थी, लेकिन मार्च महीने की पेंशन अभी तक नहीं आई है। कमला बाई का कहना है कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन 1000 रुपए करने की घोषणा करने वाली सरकार पूर्व से मिल रही पेंशन ही समय पर नहीं दिलवा पा रही है।
वहीं शिव नगर में रहने वाली 90 वर्षीय सहोद्रा बाई का कहना है कि उन्हें भी अभी तक पेंशन नहीं मिली है। वह दो बार बैंक का चक्कर लगा चुकी हैं। बीते महीने उनके खाते में 2 मार्च को पेंशन की राशि आ गई थी। गैस पीड़ित निराश्रित पेंशन भोगी संघषर््ा मोर्चा के अध्यक्ष बालकृष्ण नामदेव ने बताया कि पेंशन नहीं मिलने से वृद्ध, दिव्यांग और विधवा महिलाएं परेशान हो रही हैं। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के तहत महीने की 1 से 5 तारीख के बीच पेंशन का भुगतान हो जाना चाहिए।