भोपाल। मध्यप्रदेश के 41% कर्मचारियों की एरियर (ARREAR) की दूसरी किस्त खतरे में है क्योंकि अब तक उनका 7वें वेतनमान (7th PAY SCALE ) के हिसाब से वेतन का अनुमोदन (SALARY APPROVAL) ही नहीं हुआ। यदि अप्रैल माह में यह अनुमोदन का काम पूरा नहीं हुआ तो मई माह में मिलने वाली एरियर की दूसरी किस्त (2nd INSTALMENT OF ARREAR) अटक जाएगी। वित्त विभाग ने तय किया है कि इस बार वेतन के अनुमोदन के बिना एरियर नहीं दिया जाएगा।
प्रदेश में कर्मचारियों को एक जनवरी 2016 से सातवां वेतनमान दिया गया है। 30 जून 2017 को इसे लागू किया गया। वेतनमान देने और लागू करने के बीच की अवधि का वेतन तीन किस्तों में एरियर के तौर पर देने का फैसला किया गया है। इसके लिए कार्यालय प्रमुखों को वेतन निर्धारण के प्रकरणों का अनुमोदन करना है।
अनुमोदन किए बगैर एरियर देने में कर्मचारी के ऊपर वसूली की स्थिति बन सकती है। इससे बचने के लिए वित्त विभाग ने मई 2019 तक वेतन निर्धारण का अनुमोदन करने का लक्ष्य रखा है, लेकिन यह काम पूरा नहीं हो पा रहा है। 41 फीसदी वेतन निर्धारण के प्रकरणों का अनुमोदन नहीं हुआ है।
विभागों ने ऑनलाइन तो वेतन निर्धारण कर दिया है पर सेवा पुस्तिका में दर्ज नहीं किया गया। कोष एवं लेखा दल को सेवा पुस्तिका भी उपलब्ध नहीं कराई गईं। इसके मद्देनजर तय किया गया है कि 30 अप्रैल तक सभी कर्मचरियों की सेवा पुस्तिका में वेतन निर्धारण की सभी जानकारियां दर्ज की जाएं। 15 मई तक हर हाल में समग्र वेतन निर्धारण के प्रकरण का अनुमोदन किया जाए, जिससे एरियर की दूसरी किस्त निकाली जा सके।