नई दिल्ली। जैसे ही आप 'सरकारी स्कूल' शब्द सुनते हैं, एक इमेज सामने आ जाती है। गंदी सी यूनिफार्म में खेलते हुए बच्चे, टाइम पास करते टीचर्स और घटिया सा स्कूल भवन। 'सरकारी स्कूल' यानी वो संस्थान जहां गरीबों के बच्चे आते हैं, जहां पढ़ाई नहीं होती, बच्चों पर ध्यान नहीं दिया जाता परंतु गुजरात राज्य के सूरत शहर में एक सरकारी स्कूल ऐसा है जहां एडमिशन के लिए बच्चों की लाइन लगी है। फिलहाल 1200 वेटिंग चल रही है। डॉक्टर, इंजीनियर, व्यापारी, नेता और अफसर एडमिशन के लिए सिफारिश लगा रहे हैं। इस स्कूल का नाम है 'महाराजा कृष्णकुमार सिंह स्कूल।'
सूरत शहर के उत्राण स्थित महाराजा कृष्णकुमार सिंह स्कूल का संचालन महानगर पालिका (मनपा) करती है। यह स्कूल दो साल पहले ही शुरू हुआ था, लेकिन यहां की सुविधाएं और परीक्षा परिणाम देख निजी स्कूल छोड़कर बच्चे एडमिशन लेने आ रहे हैं। पिछले साल स्कूल के अच्छे परिणाम के कारण डॉक्टर, शिक्षक, बिजनेसमैन जैसे लोगों ने अपने बच्चों को निजी स्कूल से निकाल इस स्कूल में दाखिल कराया था। अभी 800 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। इनमें से 400 बच्चे निजी स्कूलों से आए हैं। स्कूल में अभी 20 कमरे हैं। इसे देखते मनपा 4.47 करोड़ से 26 नए कमरे बनाने जा रही है।
गांव के लोग भी करते हैं आर्थिक मदद
स्कूल के प्रिंसिपल चेतन हिरपारा के मुताबिक, शैक्षणिक सत्र 2019-20 के प्रवेश के लिए 1200 छात्र वेटिंग लिस्ट में हैं। इनमें से आधे छात्रों को ही प्रवेश मिल पाएगा, क्योंकि जगह की कमी है। छात्रों के लिए यहां 40 कंप्यूटर हैं। साइंस प्रयोगशाला भी है। प्रार्थना हॉल और खेलकूद की सुविधाएं भी हैं। चेतन ने बताया कि इस स्कूल में एनआरआई, डॉक्टर और बिजनेस मैन के बच्चे भी पढ़ते हैं। गांव के लोग भी आर्थिक मदद करते हैं।
बनने वाले नए भवन में ये होंगी सुविधाएं
ग्राउंड फ्लोर : प्रार्थना कक्ष, प्रधानाचार्य कक्ष, कर्मचारी कक्ष, 8 क्लास रूम, लायब्रेरी रूम के साथ जेंट्स टॉयलेट आदि
फर्स्ट फ्लोर : साइंस रूम. 10 क्लास रूम, कंप्यूटर कक्ष, लेडीज टॉयलेट
सेकंड फ्लोर : 14 क्लासरूम, जेंट्स टॉयलेट
थर्ड फ्लोर : 14 क्लासरूम, लेडीज टॉयलेट आदि