हरदा। जिले में दो साल पदस्थ रहे एडीएम बीएल कोचले का राज्य शासन ने 23 फरवरी को अनूपपुर तबादला कर दिया था। उनकी जगह प्रियंका गोयल को एडीएम बनाया था। फरवरी को उन्हें कलेक्टर एस. विश्वनाथन ने रिलीव किया। 10 दिन बाद वे हाईकोर्ट से स्टे लेकर पहुंच गए। अब जिले में दो एडीएम हो गए हैं। कौन किस भूमिका में रहेगा, इसे लेकर कलेक्टर भी असमंजस में हैं।
एडीएम बाबूलाल कोचले का ट्रांसफर अनूपपुर हो गया था लेकिन वे रिलीव नहीं हुए। 28 फरवरी को सीएम कमल नाथ टिमरनी आए। तब कांग्रेसियों ने उन्हें रिलीव नहीं करने की शिकायत की। सीएम ने कलेक्टर से तुरंत रिलीव करने को कहा। उसी दिन कलेक्टर ने कोचले को रिलीव कर दिया। इसके बाद कोचले छुट्टी लेकर चले गए। सोमवार दोपहर एक बजे कलेक्टोरेट में चुनाव की तैयारियों को लेकर कलेक्टर, एसपी प्रेस से चर्चा कर रहे थे। इस बीच कोचले हाथ में स्टे आर्डर लेकर सीधे कक्ष में आए। कलेक्टर को स्टे की कॉपी दी। कुछ देर के लिए सभी अवाक रह गए। बाद में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि स्टे लाए हैं।
क्या कहता है नियम
प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो किसी अधिकारी-कर्मचारी के ट्रांसफर आदेश जारी होने के बाद यदि वह रिलीव होने से पहले प्रक्रियाधीन मामला रहते हुए कोर्ट से स्टे लाता है तो उसी उसी पद पर रखा जा सकता है। इस मामले में कलेक्टर उन्हें रिलीव कर चुके थे। इसके 10 दिन बाद वे स्टे लाए हैं। इधर शासन ने प्रियंका गोयल को यहां एडीएम पदस्थ किया। वे चार्ज ले चुकी हैं। ऐसे में किसकी क्या जिम्मेदारी होगी, यह स्पष्ट नहीं है।