RTO जैसा हो गया है BHOPAL का कलेक्टर कार्यालय, बिना ऐजेंट काम ही नहीं होता | BHOPAL NEWS

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल का कलेक्टर कार्यालय भ्रष्टाचार का गढ़ बन गया है। हालात RTO कार्यालय जैसी है जहां ऐजेंट खुलेआम घूमते हैं। कलेक्टर कार्यालय की हालत यह है कि यहां आम नागरिकों का कोई भी काम बिना ऐजेंट के नहीं होता। यहां क्लर्क रिश्वत नहीं लेते बल्कि कार्यालय परिसर में ऐजेंट डील करते हैं। BPL CARD से लेकर जाति प्रमाण पत्र तक जो चाहिए मिल जाएगा। सबकी एक निर्धारित फीस है। यदि आपको जल्दी चाहिए तो एक्स्ट्रा चार्ज देना होगा। 

नवदुनिया ने दावा किया है कि कलेक्ट्रेट परिसर में करीब तीन दर्जन से ज्यादा दलाल सक्रिय है। सबसे ज्यादा दलाल बीपीएल कार्ड और जाति प्रमाण पत्र बनवाने का काम बड़ी आसानी से करवाने का दावा करते है। दलालों की आवाजाही कलेक्ट्रेट कार्यालय के अंदर तक है। जन्म-मृत्यु, जाति, मूल निवास प्रमाण पत्र सहित अन्य प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दलाल एक दिन में काम करवाकर देने का 500 रुपए से लेकर 5000 रुपए तक लोगों से हड़प लेते है। जबकि समाधान एक दिवस के अंतर्गत इन सभी सेवाओं का एक ही दिन में निराकरण किए जाने का नियम है। 

बाबू काट अटकाते हैं, दलाल शिकार कर लेते हैं

हुजूर तहसील में खसरे की नकल निकलवाने के लिए रातीबढ़ निवासी सुरेश दुबे हैरान परेशान था। करीब तीन बजे नकल के लिए पर्ची कटवाने के बाद वह वापस जा ही रहा था कि एक दलाल ने अचानक कहा क्यो भाई क्या काम है। इस पर सुरेश ने जवाब दिया कि खसरे की नकल निकलवानी है लेकिन बोल रहे है कल मिलेगी। इस पर दलाल ने कहा अभी दिलवा सकता हूं। बाबू को पैसे खिलाने पड़ेंगे अभी नकल मिल जाएगी। इस पर सुरेश ने कहा कि मैने पर्ची तो सुबह ही कटवा दी है। दलाल बोला पर्ची कटवाने से कुछ नहीं होता यहां सबके पैसे बंधे हुए है। इस पर सुरेश ने कहा कितने रूपए लोगे इस पर दलाल बोला कि जितने पेज में कॉपी होगी उसके दोगुने पैसे। इस पर दोनों के बीच सौदा हुआ और सुरेश को एक घंटे के अंदर 4 बजे तक खसरे की नकल दे दी गई।

VIDISHA में दस्तावेजों के सत्यापन के दौरान पकड़ाएं थे उम्मीदवार

विदिशा जिले में रविवार को सेना भर्ती के लिए दौड़ में 2040 उम्मीदवार शामिल होने आए थे। इनमें से 292 टेस्ट में पास हुए लेकिन दस्तावेजों के सत्यापन के दौरान 86 उम्मीदवारों के दस्तावेज फर्जी पाए गए। इनमें मूल निवासी, आधार कार्ड और शिक्षा से संबंधित दस्तावेज शामिल थे। हालांकि किसी पर कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।

पहले भी पकड़ाया जा चुका है Fake caste certificate बनवाने वाला रैकेट

फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाने का रैकेट विगत दिनों सामने आया था। इसमें कलेक्ट्रेट कार्यालय में बैठने वाला एक वकील रवींद्र गुप्ता जेल की भी हवा खा चुका है, लेकिन जेल से लौटने के बाद अब दोबारा कलेक्ट्रेट कार्यालय में सक्रिय है। इधर, अन्य दलालों ने भी अपने-अपने स्तर पर अधिकारियों को सेट कर रखा है। कोई प्रमाण पत्र बनवाने के नाम पर तो कोई लाइसेंस और परमीशन जारी करवाने के नाम आम लोगों को लूट रहा है। वह भी तब जब कलेक्ट्रेट कार्यालय के अधिकांश काम ऑनलाइन हो चुके है।

30 Brokers मिलकर करवाते है किसी भी तरह का काम

कलेक्ट्रेट कार्यालय में करीब 30 दलालों का एक रैकेट सक्रिय है जो हर तरह का काम जल्द पूरा करवाने के नाम पर लोगों से पैसे लेते है। प्रशासनिक अमले के बीच ऐसे लोग भी है जो संविदा पर कलेक्ट्रेट कार्यालय में पदस्थ है। वे भी दलालों के निरंतर संपर्क में रहते है और उनके काम जल्दी करवाने के लिए सरकारी नोटशीट तक चलाने की दम रखते है।

दिन भर lawyer आपस में करते रहे चर्चा

सोमवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय खुलने के बाद दलालों को संरक्षण देने वाले वकील, चर्चा करते देखे गए। कलेक्ट्रेट में राशनकार्ड बनवाने से लेकर अन्य दस्तावेजों को तैयार करने के लिए दलाल दिन भर सक्रिय रहते हैं। कलेक्ट्रेट कार्यालय में घूमने वाले दलालों को लेकर जिला अधिवक्ता कल्याण संघ की ओर से खालिद कैस ने कई बार कलेक्टर से शिकायत भी दर्ज कराई है। भविष्य में दलालों और उनके संरक्षकों से जान का खतरा होना बताया है। दलालों की शिकायत का यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी जिला योजना समिति की बैठक में मंत्री आरिफ अकील दलालों को लेकर शिकायत कर चुके हैं, लेकिन प्रशासन इस पर अंकुश नहीं लगा रहा है।

इन कामों के लिए तय है दलाली के इतने दाम

BPL राशन कार्ड 3 से 5 हजार रुपए
स्थाई जाति प्रमाण पत्र 5 से 6 हजार रुपए
आय और मूल निवासी 500 रुपए
खसरे की नकल मूल राशि से दोगुनी
जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र 500 से 600 रुपए
मैरिज रजिस्ट्रेशन 1500 से 2000 रुपए
सरकारी योजनाओं के लिए आवेदन 500 से 1500 रुपए
प्रसूति सहायता योजना 1500 से 2000 रुपए

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