शिवराज सिंह दिल्ली पहुंचे, नेता प्रतिपक्ष विवाद, विधायक दल की बैठक रद्द | MP NEWS

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के नेता कांग्रेस पर गुटबाजी को लेकर तंज कसते हैं। मंत्रियों के बीच विभागों के बंटवारे को लेकर भाजपा ने कांग्रेस की खूब धुलाई की थी परंतु हालात भाजपा में भी ऐसे ही हैं। भाजपा अब तक अपना नेता प्रतिपक्ष तय नहीं कर पाई है। इसके लिए आयोजित विधायक दल की बैठक रद्द कर दी गई है। शिवराज सिंह चौहान दिल्ली पहुंच गए हैं। 

विधानसभा में कांग्रेस सरकार को घेरने के लिए भाजपा को एक ऐसे दमदार नेता की तलाश है, जिसके सवालों का जवाब देना सत्ता पक्ष के लिए आसान न हो। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नेता प्रतिपक्ष बनना चाहते हैं लेकिन भाजपा के विधायकों का कहना है कि शिवराज सिंह चौहान खुद सवालों की जद में हैं, वो कांग्रेस की घेराबंदी नहीं कर पाएंगे। इधर ​शिवराज सिंह चौहान खुद को नेता प्रतिपक्ष मानकर बयान जारी कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि वो भाजपा पर अपना कब्जा बनाए रखना चाहते हैं। 

फ्लोर मैनेजमेंट में माहिर हैं नरोत्तम मिश्रा
भाजपा में नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में दूसरा नाम पूर्व संसदीय कार्य मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ विधायक नरोत्तम मिश्रा का है। बीजेपी की सरकार के समय विधानसभा में फ्लोर मैनेजमेंट में माहिर समझे जाने वाले नरोत्तम मिश्रा की भूमिका उस वक्त बहुत अहम हो जाती है जब विधानसभा में दोनों पार्टियों के बीच विधायकों की संख्या में बहुत कम अंतर है। अगर बात करें विधानसभा के मौजूदा सियासी समीकरण की तो सदन में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 114 है, वहीं सपा, बसपा और चार निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सदन में सत्तापक्ष के समर्थन में संख्या बल 121 पहुंचता है, वहीं भाजपा 109 विधायकों के साथ सदन में कांग्रेस पर हावी होने का कोई भी मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहेगी। ऐसे में भाजपा को जरूरत एक ऐसे नेता प्रतिपक्ष की है जो कांग्रेस को घेरने में कोई भी मौका नहीं छोड़े। ऐसे में नरोत्तम मिश्रा का पलड़ा भारी दिखता है।

सत्ता परिवर्तन के लिए नरोत्तम मिश्रा को ताकतवर बनाना जरूरी
भाजपा मौका आने पर सदन में कांग्रेस को मात देने की रणनीति पर काम कर रही है। ऐसे में सियासत में जोड़तोड़ के माहिर खिलाड़ी समझे जाने वाले नरोत्तम मिश्रा की भूमिका काफी अहम हो जाती है। नरोत्तम मिश्रा का पार्टी अध्यक्ष अमित शाह का करीबी होना भी उनके लिए फायदेमंद साबित हो रहा है। पिछले दिनों पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने नरोत्तम मिश्रा को लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश का सह-प्रभारी बनाकर उन पर एक बार फिर अपना विश्वास जताया है।

गोपाल भार्गव: एक निष्कलंक नाम, संघ के भी प्रिय नेता हैं
भाजपा के ओर से नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में तीसरा नाम पार्टी के सीनियर विधायक गोपाल भार्गव का है। भार्गव का पिछले दिनों भोपाल में संघ के मुख्यालय समिधा पहुंचकर संघ के बड़े नेताओं से मिलना उनकी दावेदारी को और मजबूत बना रहा है। भार्गव का संसदीय कामों की जानकारी और उनकी वरिष्ठता नेता प्रतिपक्ष के पद की दौड़ में उनकी दावेदारी को मजबूत बना रहा है।

शिवराज सिंह का प्लान बी भूपेन्द्र सिंह
नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में चौथा नाम पूर्व गृहमंत्री और पार्टी के सीनियर नेता भूपेंद्रसिंह का है। सूत्रों का कहना है कि भूपेन्द्र सिंह, असल में पूर्व सीएम शिवराज सिंह का प्लान बी हैं। यदि शिवराज सिंह का नाम फाइनल नहीं हो पाया तो वो भूपेन्द्र सिंह का नाम तय करवाने की कोशिश करेंगे। शिवराज सिंह नहीं चाहते कि नरोत्तम मिश्रा या गोपाल भार्गव का कद बढ़े। 

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