KAMAL NATH सरकार अब ईसाईयों के खिलाफ धर्मांतरण के मामले भी वापस लेगी | MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। पिछले 15 सालों में राजनीतिक दुर्भावना के कारण दर्ज हुए केस वापस लेने की घोषणा अब विवादित होती जा रही है। कमलनाथ सरकार की ओर से संकेत आ रहे हैं कि 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद दर्ज हुए मामले वापस लिए जाएंगे। इसके अलावा ईसाईयों के खिलाफ दर्ज धर्मांतरण के मामले भी वापस लिए जाएंगे। प्रदेश के विधि विधायी मंत्री पी सी शर्मा ने कहा इसकी पुष्टि की है।

मंत्री पीसी शर्मा ने भोपाल में कहा-धर्मांतरण के सारे झूठे केस वापस लिए जाएंगे। साथ ही मुस्लिम सहित दूसरे धर्मों के साथ हर वर्ग पर दर्ज झूठे केसों को भी सरकार वापस लेने का काम करेगी। उन्होंने कहा बीजेपी ने 15 साल के कार्यकाल में लोगों पर झूठे केस दर्ज किए हैं।इससे पहले कमलनाथ कैबिनेट ने राज्य में बीजेपी शासन के दौरान राजनीतिक दुर्भावना से दर्ज झूठे केस वापस लेने को मंज़ूरी दे चुकी है। केस वापस लेने के लिए जिला स्तर पर कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और लोक अभियोजन अधिकारी की कमेटी भी बनाई गई हैं। कांग्रेस का ये चुनावी वादा था। उसने अपने वचन पत्र में इसका वादा किया था।

इसके साथ ही एससी-एसटी और किसान आंदोलन के दौरान लगे राजनैतिक केस भी वापस लेने का एलान किया गया था। शासन स्तर पर केसों का परीक्षण करने के बाद सरकार केस वापस करने की प्रक्रिया शुरू करेगी। कमलनाथ कैबिनेट के इस फैसले को बीएसपी सुप्रीमो मायावती की धमकी से जोड़कर देखा गया। मायावती ने कांग्रेस सरकार से एससी-एसटी आंदोलन के दौरान SC/ST वर्ग के लोगों पर लगे केस वापस लेने की मांग की थी लेकिन यही वो प्रदर्शन था जिसके बाद मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार गिरी। 
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