कुलपति प्रयाग दत्त जुयाल के खिलाफ रेप केस फाइल करने के आदेश, पढ़िए पूरा विवाद क्या है | JABALPUR MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर में स्थित नानाजी देशमुख पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय जिसे वेटरनरी विश्वविद्यालय भी कहते हैं के कुलपति प्रयाग दत्त जुयाल के खिलाफ बलात्कार का आराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। यह आदेश JMFC निधि जैन ने दिए हैं। प्रो. प्रयाग दत्त जुयाल इससे पहले आईएसएफ कालेज ऑफ फार्मेसी, मोगा-पंजाब में  डायरेक्टर (आरएंडडी) पदस्थ थे। तत्कालीन कुलाधिपति और राज्यपाल राम नरेश यादव ने इनकी नियुक्ति जबलपुर में की थी। 

पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया था, कोर्ट ने आदेश दिया
संजीवनी नगर में रहने वाली एक महिला की शिकायत पर कुलपति के ख़िलाफ केस किया जा रहा है। महिला की शिकायत थी कि पुलिस उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं कर रही। पीड़ित महिला ने ज़िला अदालत में परिवाद दायर किया था। इस पर सुनवाई करते हुए JMFC निधि जैन ने सिविल लाइंस थाने को FIR दर्ज करने का निर्देश दिया है। वेटनरी यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रयाग दत्त जुयाल के खिलाफ धारा 376(2), आईटी एक्ट की धारा 67, 67 ए के तहत मामला दर्ज करने का आदेश कोर्ट ने दिया है। 

जाल में फंसाकर किया रेप और अश्लील फोटो भी खींचें
शिकायत करने वाली महिला के मुताबिक उसके पालतू कुत्ते की उचित इलाज ना मिलने के कारण मौत हो गई थी। वो इसी की शिकायत लेकर प्रोफेसर जुयाल के पास गई। जुयाल ने उससे पहचान बढ़ा ली और नौकरी देने के बहाने रेस्ट हाउस में बुलाया। यहां उसने नौकरी के बदले शारीरिक संबंध बनाने का प्रस्ताव रखा परंतु युवती ने इंकार कर दिया। फिर जुयाल ने उसे ऑफिस ​बुलाया और उसके साथ रेप किया। महिला का आरोप है कि 17 मार्च 2018 को कुलपति ने रीवा के एक होटल में उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए और अश्लील फोटो भी निकाले।  इसकी शिकायत उसने महिला थाने सहित अन्य संबंधित पुलिस अफसरों से की लेकिन कहीं उसकी सुनवाई नहीं हुई। उसके बाद महिला ने कोर्ट की शरण ली।

प्रो जुयाल के समर्थन में प्रदर्शन भी हुआ था, पुलिस ने जांच नहीं की
पीड़ित महिला ने 15 नवंबर 2018 को प्रेस कांफ्रेंस करके कुलपति ने बलात्कार का आरोप लगाया था। इसके बाद जुयाल के समर्थन में यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर एक ज्ञापन सौंपा था। कर्मचारियों का दावा था कि जुयाल के खिलाफ साजिश रची जा रही है। कर्मचारियों का कहना था कि महिला ने ठीक उसी दिन कुलपति पर आरोप लगाए जब पूर्व कुलसचिव डॉ. गोविंद प्रसाद पाण्डेय की याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी। विदित हो कि रीवा मूल पद पर वापस भेजे जाने के आदेश को उन्होंने चुनौती दी थी। चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस ने इस ज्ञापन में भी जांच नहीं की। 
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