कांग्रेस नेत्री का यौन शोषण और हत्या के बाद BJP नेता को महामंत्री पद दिया गया था | INDORE MP NEWS

इंदौर। 22 वर्षीय कांग्रेस नेत्री ट्विंकल डागरे हत्याकांड के सारे राज खुलने लगे हैं। पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) हरिनारायणचारी मिश्रा ने बताया कि भाजपा नेता जगदीश करोतिया उर्फ कल्लू पहलवान (65) ने ट्विंकल डागरे को अपने जाल में फंसाकर उसके साथ नाजायज संबंध बना लिए थे। जगदीश करोतिया के बेटे अजय ने भी ट्विंकल डागरे का यौन शोषण किया। इधर इंदौर के लोकल अखबारों में खबर आई है कि 16 अक्टूबर 2016 को ट्विंकल डागरे की हत्या के बाद अप्रैल 2017 में जगदीश करोतिया को भाजपा का महामंत्री बनाया गया। भाजपा विधायक सुदर्शन गुप्ता ने तो जांच के दौरान ही जगदीश को निर्दोष घोषित कर दिया था। उन्होंने जदगशी के समर्थन में डीआईजी से बंद कमरे में चर्चा भी की थी। (यहां पढ़ें)

कौन है जगदीश करोतिया, किसका संरक्षण प्राप्त है
बताते हैं कि तत्कालीन विधायक सुदर्शन गुप्ता और लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के कोटे से उसे यह पद दिया था। जगदीश राम जन्मभूमि आंदोलन के समय भाजपा से जुड़ा था। उसे दलित नेता के रूप में पार्टी ने आगे बढ़ाया। वह संघ से भी जुड़ा था। जगदीश और अजय को  लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने अपने यहां भाईदूज के भोज में आमंत्रित किया था। भाजपा में भी उस समय सवाल उठा था लेकिन भाजपा नेताओं ने उस वक्त दोनों पर झूठे आरोप होने की बात कही थी। हाल ही में चुनाव प्रचार के दौरान कुशवाह नगर में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से ट्विंकल की मां और बहन मिलने गईं, लेकिन शिवराज दोनों से नहीं मिले। इसके बाद मां-बहन ने मुख्यमंत्री और सुदर्शन गुप्ता को लेकर जमकर नाराजगी जताई थी। 

जगदीश की पत्नी ने ट्विंकल पीटा था, पड़ौसिया ने बताया ​लेकिन पुलिस चुप रही
अपहरण से 5 दिन पहले 11 अक्टूबर 2016 को ट्विंकल, जगदीश से मिलने के लिए उसके घर आई थी। यहां उसका जगदीश करोतिया की पत्नी से विवाद भी हुआ था।। ट्विंकल को जगदीश की पत्नी ने कपड़े धोने की मोगरी से पीटा था और दीवार में धक्का दे दिया था। पुलिस ने आस-पास के लोगों के बयान को भी नजर अंदाज किया जिसमें उन्होंने ट्विंकल के घर में आने पर जोर-जोर से विवाद व झगड़े की आवाजें सुनी थी। तभी पिता-पुत्र ने उसकी हत्या करने की ठान ली थी।

पुलिस ने एक एसएमएस के आधार पर जगदीश को राहत दी
15 अक्टूबर को ट्विंकल जब जगदीश करोतिया से मिली थी तो बेटे अजय ने उसका मोबाइल लेकर उसमें एक एसएमएस टाइप किया। जो जगदीश करोतिया के नाम था। उसमें लिखा कि ‘डैडी (जगदीश) मुझे आपकी चिंता हो गई है, अब शायद मैं वापस ना आऊं, मुझे ढूंढने की कोशिश मत करना। मैं इस दुनिया से काफी दूर जा रही हूं, शायद वापस नहीं आऊंगी।’ अजय ने इस मैसेज को अपने मोबाइल पर सेंड किया और बाद में ट्विंकल के मोबाइल में सेंड आप्शन में जाकर डिलीट कर दिया। जब आरोप लगे तो अजय ने पुलिस को ये मैसेज दिखाकर गुमराह किया। जगदीश के नाम अजय के मोबाइल पर आए एसएमएस को आधार मानकर पुलिस ने जगदीश और अजय को राहत दे दी। साथ ही यह भी कहा कि करोतिया से ट्विंकल का पिता-बेटी का रिश्ता है। 

मोबाइल लोकेशन पुख्ता आधार था परंतु पुलिस ने नजर अंदाज किया
11 अक्टूबर को ट्विंकल के मोबाइल की लोकेशन भी उसके घर की मिली थी। वर्ष 2017 फरवरी में जब पुलिस ने माता-पिता के द्वारा लगातार की जा रही शिकायत के बाद उनकी रिपोर्ट पर ट्विंकल के अपहरण का केस दर्ज कर आरोपी जगदीश करोतिया व उसके बेटों पर केस दर्ज किया तो लोकेशन के आधार पर शक क्यों नहीं किया यह बड़ा सवाल है। हालांकि अब आस-पड़ोसियों के बयानों को अहमियत देकर 11 अक्टूबर को हुए विवाद के बिंदु को भी जांच में लिया जा रहा है। 

लम्बा संघर्ष किया, सरकार बदली तब कहीं जाकर केस में कार्रवाई हुई
इस केस में बेटी के लिए माता-पिता का संघर्ष काफी अहम रहा। मां ने रीगल चौराहे पर डीआईजी ऑफिस के बाहर धरना दिया, आत्मदाह की चेतावनी दी। कोर्ट में वकीलों ने पक्ष को मजबूती से रखा। कोर्ट ने पुलिस को लचर इनवेस्टिगेशन के लिए फटकारा था। 

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