सपाक्स: गलतफहमियां दूर हुईं, अब लोकसभा की तैयारी शुरू | MP NEWS

भोपाल। प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ संगठित हुए कर्मचारी संगठन सपाक्स में रिटायर्ड IAS अफसर जुड़े और बिना होमवर्क के विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। हालात यह थे कि सभी 230 सीटों पर प्रत्याशी तक नहीं मिले। जिन्हे प्रत्याशी घोषित किया गया, उन्हे संगठन की तरफ से कोई मदद नहीं मिली, क्योंकि संगठन था ही नहीं। अब SAPAKS पार्टी अपना अस्तित्व प्रमाणित करेगी। पूरे प्रदेश में सदस्यता अभियान चलाने की तैयारियां हैं ताकि दूसरी पार्टियों की तरह उनके पास भी कार्यकर्ता हों। 

Assembly elections में पार्टी को कार्यकर्ताओं की कमी से दो-चार होना पड़ा था। प्रत्याशियों के नाम की घोषणा भी एन वक्त पर की गई। Lok Sabha Elections के लिए प्रत्याशी चयन जल्द करेगी। पार्टी के पदाधिकारियों के मुताबिक भले ही चुनाव अप्रैल के आसपास होंगे लेकिन प्रत्याशियों की स्क्रूटनी का काम इस माह या जनवरी से शुरू कर दिया जाएगा ताकि विकल्प में से बेहतर प्रत्याशी चुने जा सकें।


पार्टी ब्लाॅक और जिला स्तर पर बढ़ाएगी सदस्यता :

सपाक्स के महासचिव सुरेश तिवारी ने बताया कि इस माह से पार्टी ब्लाॅक और जिला स्तर पर बड़े पैमाने पर सदस्यता अभियान चलाएगी। प्रदेश में ऐसे बहुत से लोग हैं जो सपाक्स से जुड़कर काम करना चाहते हैं। उन्हें जिम्मेदारी भी दी जाएगी। ब्लाॅक अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष के साथ ही सभी स्थानों पर कार्यकारिणी गठित की जाएगी। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि बेहतर ढंग से कार्यों का क्रियान्वयन हो सके। जिला स्तर पर पार्टी कार्यालय भी खोले जाएंगे।

कार्यकर्ताओं की कमी से जूझे प्रत्याशी:

हाल में हुए विधानसभा चुनाव में अधिकांश प्रत्याशियों को कार्यकर्ताओं की कमी से जूझना पड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि उनके प्रचार के लिए कार्यकर्ता नहीं हैं इस कारण उन्हें काफी दिक्कत हुई। यह जानकारी जब पार्टी पदाधिकारियों तक पहुंची इसके बाद नए सदस्यों को जोड़ने के लिए अभियान चलाने का निर्णय लिया गया ताकि संगठन को मजबूती दी जा सके। गठन के दो महीने ही होने की वजह से फंड की भी खासी समस्या हुई।

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