KAMAL NATH से HOME LOAN माफी की उम्मीद, किस्ते नहीं चुका रहे हितग्राही | BUSINESS NEWS

भोपाल। PM MODI ने 'प्रधानमंत्री आवास योजना' शुरू की। गरीबों को सस्ते घर दिए गए। कम ब्याज ( INTREST ) दरों पर लोन भी दिलवाया गया। अब इस योजना के हितग्राही चाहते हैं कि उनका होमलोन भी माफ कर दिया जाए। उन्होंने बैंक की किस्तें भरना बंद कर दिया है। उन्हे उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव के पहले दवाब बन जाएगा और उनका होमलोन भी माफ हो जाएगा। 

ये हितग्राही वे हैं, जिन्होंने नगर निगम के तहत बीएसयूपी और हाउसिंग फार ऑल (HFA) योजना के आवासों के लिए बैंकों से कर्ज लिया था। वर्तमान में बीएसयूपी के 650 हितग्राही डिफाल्टर की श्रेणी में हैं, जो किस्त जमा नहीं कर रहे हैं। आचार संहिता के दौरान नगर निगम ने बैंकों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में 12 नंबर एरिया में शिविर लगाया था, यहां लोग किस्त जमा करने पहुंचे थे लेकिन हितग्राहियों का कहना है कि जिस तरह सरकार किसानों की कर्ज माफी कर रही है, उसी तरह उनका भी होम लोन माफ हो जाएगा। निगम अधिकारियों के अनुसार जहां-जहां आवास बन रहे हैं, लगभग हर जगह यही बात सामने आ रही है।

- नुकसान...नहीं मिलेगी अगली किस्त

हाउसिंग फॉर ऑल के लिए केंद्र सरकार से तीन साल में कुल 900 करोड़ रुपए मिलना है। अब तक 135 करोड़ रुपए ही मिले हैं। अब अगली किस्त तब मिलेगी, जब स्वीकृत आवासों के हितग्राही लिंक हो जाएंगे। वर्तमान में ईडब्ल्यूएस आवासों के 20 हजार हितग्राहियों का चयन किया गया है। इसमें से अब तक सिर्फ 2000 हजार लोगों ने मार्जिन मनी की पहली किस्त जमा की है। वहीं, इस बार ज्यादातर ने राशि जमा नहीं की। मार्जिन मनी के रूप में 20 हजार रुपए बैंक में जमा कराने के बाद बैंक से 1 लाख 80 हजार रुपए प्रति आवास के हिसाब से कर्ज मिलता है। ऐसे में अगली किस्त नहीं मिलने से निगम नई साइटों पर काम चालू नहीं कर पाएगा।

- BANK ने कहा-किस्त नहीं तो अब LOAN भी नहीं

इधर, बैंकों ने भी नगर निगम के अधिकारियों से स्पष्ट कह दिया है कि यदि बीएसयूपी और चयनित 20 हजार हितग्राही किस्त जमा नहीं करते तो अब नए हितग्राहियों को कर्ज नहीं दिया जाएगा। यही नहीं प्रदेश में भी हाउसिंग फॉर ऑल के आवासों के लिए कर्ज नहीं देंगे।

- 51 हजार HOUSE स्वीकृत हैं

बता दें कि नगर निगम ने हाउसिंग फॉर ऑल के तहत शहर के विभिन्न स्थानों पर 51 हजार आवास की डीपीआर तैयार की थी, जिन्हें केंद्र सरकार से स्वीकृति भी मिल चुकी है। एक EWS भवन पर 6 लाख से अधिक खर्च आएगा। जबकि, केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से निगम को डेढ़-डेढ़ लाख रुपए मिलेंगे। भवन मालिक से सिर्फ 1.94 लाख रुपए ही लिए जाएंगे। बाकी, निगम को प्रति मकान 3.16 लाख खुद से जुटाना होगा। इस रकम को जुटाने के लिए निगम ने एलआईजी और एमआईजी का प्रावधान किया है।

कोई आदेश नहीं मिले

अब एचएफए के आवासों के लिए कि शासन द्वारा किसी तरह की कर्ज माफी के आदेश नहीं मिले हैं। लेकिन हितग्राही कर्ज माफी के लिए किस्त जमा करने से पीछे हट रहे हैं। हम नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।
मलिका निगम नागर, 
प्रभारी एचएफए, अपर आयुक्त ननि

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