नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी सरकार अब रामेश्वरम- धनुषकोड़ी सेक्शन पर एक बार फिर रेलवे लाइन को बहाल करने जा रही है। इसके तहत तमिलनाडु में पुराने पंबन पुल के स्थान पर नए पुल का निर्माण किया जाएगा। यह वही रेलवे लाइन है जो 1964 के समुद्री तूफान में बह चुकी थी। इस रेलवे लाइन के पूरा होने पर प्रसिद्ध रामसेतु तक सीधा रेल संपर्क हो जाएगा। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि धनुषकोड़ी से ही रामसेतु शुरू होता था। पहले यहां रेल लाइन रामेश्वरम से धनुषकोडी तक 18 किलोमीटर तक फैली हुई थी।
बताया जा रहा है कि रेलवे पंबन सेतु के समानांतर नया पुल बनाएगा। जिसे मंजूरी दे दी गई है। इस महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर 458 करोड़ की लागत आएगी। जिसका काम जनवरी माह से शुरू कर दिया जाएगा। मालूम हो कि मौजूदा पंबन पुल तमिलनाडु के मुख्य भूमि (मंडपम) को रामेश्वरम से जोड़ता है। जहां से धनुषकोड़ी में रामसेतु तक रास्ता जाता है। पंबन पुल को 1914 में खोला गया था। इसकी ख़ास बात यह थी कि इसके ऊपर से ट्रेन और नीचे से पानी के जहाज गुजर सकते हैं लेकिन अब इस पुल की आयु पूरी हो चुकी है।
इसके आगे रामेश्वरम तक की 17.20 किमी लम्बी रेलवे लाइन 1964 में आए समुद्री तूफ़ान में बह गई थी। तब से किसी भी सरकार ने इसे नहीं बनाया लेकिन अब मोदी सरकार ने दोनों पुल का साथ निर्माण करने को मंजूरी दी है। इसके अलावा नया पंबन सेतु की ख़ास बात यह है कि इसे बनाने में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल होगा। समुद्र में बड़े जहाज, स्टीमर के जाने के लिए पहली बार वर्टिकल लिफ्ट से पुल का 63 मीटर लंबा हिस्सा रेल लाइन सहित ऊपर उठ जाएगा।
यही नहीं, रेल लाइन के दोनों छोर और उठने वाले हिस्से पर कंट्रोल के लिए टावर बनेंगे। इस लाइन में इस्तेमाल होने वाले स्लीपर कंपोजिट होंगे। इससे समुद्र के खारे पानी व हवा से क्षरण नहीं होगा।