किसानों का पानी 'सरदार' की प्रतिमा को दे दिया, अब हाहाकार, सूखे के हालात | NATIONAL NEWS

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नई दिल्ली। गुजरात में नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध का सपना देश के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल ने देखा था। जिसको अमल में लाते हुए देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 5 अप्रैल, 1961 को इस बांध की नींव रखी और नाम रखा 'सरदार सरोवर' परंतु पीएम नरेंद्र मोदी ने इसी बांध के किनारे सरदार की विशाल प्रतिमा स्थापित कर दी। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किसानों के हिस्से का पानी सरदार की प्रतिमा के पास बनाए गए तालाब में वोटिंग के लिए दे दिया गया। अब किसान सड़कों पर उतर आए हैं। 

दरअसल स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के आसपास बोटिंग के लिए इंदिरा सागर बांध से कच्छ के किसानों को दिया जाने वाला पानी सरदार सरोवर बांध की ओर डायवर्ट कर दिया गया है। जिससे अकालग्रस्त कच्छ के किसानों की मुश्किल बढ़ गई है। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि नर्मदा से पानी की चोरी हो रही है और पानी के लिए कई जगहों पर आंदोलन हो रहे हैं।

STATUE तन गई, नजर अधूरी


दुनिया के दूसरे सबसे बड़े बांध सरदार सरोवर पर 3000 हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार लौह पुरुष सरदार पटेल की प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके जन्मदिवस के पर बड़े धूम धाम से किया लेकिन इस बांध से सिंचाई के लिए निकलने वाली नहरों का काम अभी तक पूरा नहीं हो पाया। राज्य सरकार पहले ही कच्छ क्षेत्र को अकालग्रस्त घोषित कर चुकी है। लिहाजा कच्छ में भीषण जल संकट के बीच पानी की मांग को लेकर जनता आंदोलित है।

MARKET बंद और प्रदर्शन जारी


पिछले कुछ दिनों से कच्छ क्षेत्र के प्रमुख शहरों में प्रदर्शन और बंद का सिलसिला लगातार जारी है। गुजरात सरकार द्वारा इलाके में पानी पहुंचाने के तमाम दावों के बीच 'नर्मदा लाओ, कच्छ बचाओ' के बैनर, पोस्टर के साथ भुज, अब्दसा, नखत्राणा, लखपत और कांडला में प्रदर्शन हो रहे हैं। दरअसल यह समस्या इसलिए भी खड़ी हुई है क्योंकि रापर के आगे अभी नर्मदा नहर का निर्माण कार्य हो ही नहीं पाया है।

NARENDRA MODI की महत्वाकांक्षी Project,के लिए हुआ यह सब


स्थानीय लोगों का कहना है कि इंदिरा सागर बांध द्वारा छोड़ा गया अतिरिक्त पानी सरदार सरोवर बांध में डायवर्ट किए जाने से यह संकट आया है. सरदार सरोवर में 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बोटिंग की सुविधा शुरू की गई है। जिसके लिए न्यूनतम जल स्तर कायम रखना अनिवार्य है। इसके अलावा गुजरात सरकार सरदार सरोवर बांध पर वाटर एयरोड्रम बनाने की भी तैयारी कर रही है। बता दें कि वाटर एयरोड्रम एक प्रकार का बड़ा जल क्षेत्र होता है, जहां पर सी-प्लेन या एम्फीबियस एयरक्राफ्ट उतर और उड़ सकते हैं। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मनपसंद परियोजना है। गुजरात चुनाव के दौरान उन्होंने सी-प्लेन का इस्तेमाल साबरमती तट से अंबाजी मंदिर तक जाने के लिए किया था।
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