इंदौर। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं इंदौर के धाकड़ भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय से पुत्रमोह ने क्या क्या नहीं करवा दिया। पहले अपने बेटे आकाश के टिकट के लिए शक्तिप्रदर्शन, धरना प्रदर्शन और ना जाने क्या क्या नहीं करना पड़ा। फिर ऐलान किया कि आकाश का प्रचार नहीं करूंगा, लेकिन जब हालात अनुमान से भी खराब हो गए तो खुद कूद पड़े। पूरी ताकत लगा दी। अमित शाह को रोड शो के लिए बुलाया। खुद प्रचार में शामिल हुए। लोगों के हाथ जोड़े।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 के इतिहास में कैलाश विजयवर्गीय का पूरा अध्याय दर्ज किया जाएगा। अगस्त 2018 तक वो राहुल गांधी को परिवारवाद का प्रतीक बताया करते थे। कहा करते थे कि यदि राहुल गांधी, सोनिया गांधी की संतान ना होते तो कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष भी ना बन पाते लेकिन पुत्र के मोह ने उनसे वो सब करवाया जिसकी कैलाश विजयवर्गीय उलाहनाएं दिया करते थे।
बड़ी मशक्कत के बाद लास्ट लिस्ट में अपने बेटे आकाश विजयवर्गीय का नाम दर्ज करवा पाए। इसके बाद शान के साथ बयान दिया कि वो मध्यप्रदेश की 229 सीटों पर चुनाव प्रचार करेंगे परंतु इंदौर 3 में प्रचार करने नहीं जाएंगे। कुछ दिनों तक वो अपने बयान पर टिके भी रहे। फिर इंदौर 3 के मोहल्ला पंचों से फोन पर बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। यहां भी बात नहीं बनी तो इंदौर 3 के प्रचार के लगे कार्यकर्ताओं की खैर खबर शुरू की। एक के बाद एक दनादन स्टार प्रचारकों को भेजा। ऐसा लग रहा था मानो चुनाव केवल इंदौर 3 में ही चल रहा है।
अंत समय में जब इससे भी काम नहीं बना तो चुनाव प्रचार के दिन ना केवल अमित शाह का रोड शो करवाया बल्कि खुद भी शामिल हुए। इतना ही नहीं। स्टार प्रचारक की तरह लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन नहीं किया बल्कि् प्रत्याशी की तरह हाथ जोड़कर सिर भी झुकाया। अब आकाश जीते या हारे लेकिन कैलाश विजयवर्गीय किसी के परिवारवाद पर कोई टिप्पणी नहीं कर पाएंगे।