चुनाव जीतने 'शत्रु विजय यज्ञ' करवा रहे हैं प्रत्याशी, उज्जैन में चल रहा है अनुष्ठान | MP ELECTION

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों ने जीत के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. फिर उसके लिए भले ही तंत्र मंत्र का सहारा क्यों न लेना पड़े. उज्जैन के पास नलखेड़ा के बगुलामुखी मंदिर में कई प्रत्याशी यज्ञ करा रहे हैं.जिस चीज के लिए चुनाव में नेता मां बगुलामुखी के दरवाजे पर आते हैं वो है शत्रु विजय यज्ञ. पंडितों के मुताबिक इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत के लिए करीब 150 से ज्यादा प्रत्याशी मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ से नलखेड़ा के बगुलामुखी मंदिर पहुंच चुके हैं.

चुनाव नजदीक आते ही अब प्रत्याशी आना बंद हो गए हैं तो शत्रु विजय यज्ञ की ज़िम्मेदारी उनके पंडितों ने संभाल ली है. मंदिर में प्रत्याशी भले ही मौजूद नही हैं, लेकिन यहां हवन कुंडों की आग की लपटें थमी नहीं हैं क्योंकि उनके पंडित मंदिर परिसर में मंत्रों के उच्चारण और हवनकुंड में आहुतियां दे रहे हैं. हालांकि पंडित ने नाम बताने से साफ मना कर दिया कि वो ये यज्ञ किसके लिए करा रहे हैं लेकिन यह स्पष्ट किया कि मामला चुनाव से ही जुड़ा है.

श्मशान में देर रात साधना करते तांत्रिकों को तो आपने कई बार देखा होगा. लेकिन नलखेड़ा के बगुलामुखी मंदिर के पास इन दिनों श्मशान में हो रही साधना स्वयं सिद्धि के लिए नहीं बल्कि आगामी मध्य प्रदेश चुनाव में नेताजी की जीत के लिए हो रही है.

श्मशान में आधी रात को चल रही इस तंत्र साधना का विशेष महत्व है. माना जाता है कि मां बगुलामुखी का मंदिर चारों तरफ से श्मशान घाट से घिरा हुआ है. पंडित ने ये तो बताया कि श्मशान साधना राजनीतिक कारणों और किसी नेता के लिए हो रही है, लेकिन किसके लिए इसे बताने से साफ इंकार कर दिया. कहा कि यह गुप्त साधना है, नाम कैसे बता दें?

दरअसल, मां बगुलामुखी के बारे में मान्यता है कि वह शत्रुनाशक हैं और अपने सच्चे भक्त पर उनकी कृपा हमेशा बनी रहती है. यही वजह है कि राजनीति के बड़े-बड़े नाम यहां अक्सर आशीर्वाद लेने आते रहते हैं. चुनाव से पहले यहां शत्रु विजय यज्ञ करा चुके प्रत्याशियों की मानें तो मां के आशीर्वाद से उन्हें जीत ज़रूर मिलेगी.

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस ने जीत हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. राज्य विधानसभा के लिए चुनाव प्रचार सोमवार शाम को थम जाएंगे. मतदान 28 नवंबर को होंगे जबकि मतगणना 11 दिसंबर को होगी.

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