CM शिवराज सिंह जबरदस्ती बागी प्रत्याशी को उठा ले गए, समर्थन का ऐलान कर दिया | MP NEWS

भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान पर बालाघाट जिले की वारासिवनी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे गौरव सिंह पारधी को जबरदस्ती उठा ले जाने के आरोप लगाए जा रहे हैं। ये आरोप गौरव सिंह के समर्थकों द्वारा लगाए जा रहे हैं परंतु गौरव पारधी ने पूरे मामले पर चुप्पी साध ली है। बता दें कि यहां से कांग्रेस ने शिवराज सिंह के साले संजय सिंह मसानी को टिकट दिया है। जिसके कारण पूर्व विधायक प्रदीप जायसवाल गुड्डा बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने यहां से विधायक डॉ. योगेंद्र निर्मल टिकट दिया है जिसके नाराज होकर गौरव सिंह पारधी चुनाव लड़ रहे हैं। पंवार जाति का होने से इस वर्ग के वोट बैंक में पारधी की पकड़ मजबूत है और यही वर्ग भाजपा का परम्परागत वोट बैंक माना जाता है।

घटनाक्रम जो गौरव पारधी समर्थकों ने बताया

वारासिवनी विधानसभा सीट में उस समय कोहराम मच गया जब राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान निर्दलीय उम्मीदवार गौरव सिंह पारधी के दफ्तर पहुंच गए। उन्होंने सीधे कमरे में जाकर इस उम्मीदार का हाथ पकड़ा और उसे अपने साथ खींचते हुए बाहर ले आए और अपनी गाड़ी में बिठा लिया। इस दौरान शिवराज सिंह के साथ मौजूद सुरक्षा गार्डों ने भी उनका साथ दिया। पारधी को उस स्थान पर ले जाया गया जहां बीजेपी की सभा चल रही थी। सभास्थल में जोर जबरदस्ती लाए गए इस उम्मीदवार को लेकर हंगामा मच गया। इस घटना के बाद निर्दलीय प्रत्याशी के करीबी समर्थक और प्रत्यक्षदर्शी अनीस बेग नामक शख्स को हार्ट अटैक आ गया। बेग ने अस्पताल में पत्रकारों को बताया कि उन पर चुनावी मैदान से हटने के लिए भारी दबाव था। 

उधर सभा स्थल पर ले जाते ही शिवराज सिंह चौहान ने बागी उम्मीदवार गौरव पारधी के बीजेपी को समर्थन देने की घोषणा कर दी। गौरव सिंह ने ना तो सभा को संबोधित किया और ना ही कोई बयान दिया। जितनी देर तक शिवराज सिंह चौहान इस सभास्थल पर रहे, उतनी देर तक वहां हंगामा होता रहा। समय समाप्त होते ही शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं ने इस निर्दलीय उम्मीदवार को अपने कब्जे में ले लिया।

पारधी समर्थक डॉ. नीरज अरोरा और कैलाश दुलानी ने बताया की उनके उम्मीदवार को पहले लालच दिया गया था। जब वो नहीं माने तो उन्हें डराया धमकाया भी गया था। इसके बावजूद भी वो बीजेपी के दबाव में नहीं आए थे। उनके मुताबिक दोपहर में उनके पार्टी कार्यालय में अचानक शिवराज सिंह पुलिसकर्मियों के साथ पहुंचे और दरवाजा बंद कर उनके उम्मीदवार से दो मिनट तक बातचीत की। फिर उसका हाथ पकड़ कर कमरे से बाहर निकले और अपनी गाड़ी में बैठा लिया। उन्होंने बताया कि हम लोग भी उनकी गाड़ी के पीछे भागे। तब तक मुख्यमंत्री जी की गाड़ी बीजेपी की सभास्थल तक पहुंच चुकी थी। उन्हें पुलिसकर्मियों ने रोक दिया और शिवराज सिंह चौहान ने खुद हमारे उम्मीदवार गौरव सिंह पारधी को बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में समर्थन देने की घोषणा कर दी।

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