रास्ते में ही टूट गया शिवराज सिंह का रथ, आशीर्वाद यात्रा समाप्त | MP NEWS

भोपाल। चौथी पारी के लिए तीसरी बार जनता का आशीर्वाद ​लेने निकले सीएम शिवराज सिंह चौहान को इस बार जनता का भरपूर आशीर्वाद नहीं मिला। आचार संहिता से पहले सरकारी मशीनरी के सहारे हिताग्रहियों और स्कूली बच्चों की भीड़ जुटाकर मीडिया की सुर्खियां तो बटोर लीं परंतु विवाद भी काफी हुए। आचार संहिता के बाद कलेक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए हैं अत: जन आशीर्वाद यात्रा स्थगित कर दी गई। जबलपुर में जाकर यात्रा का विसर्जन हो जाएगा। 

230 विधानसभाओं में जाना था 187 में पहुंच पाए

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया था कि इस बार वो सभी 230 विधानसभाओं तक जाएंगे परंतु ऐसा हो नहीं सका। 14 जुलाई को उज्जैन से शुरू हुई आशीर्वाद यात्रा की शुरूआत तो धूमधाम से हुई परंतु फिर बात बदलती चली गई। सवर्ण आंदोलन की दहशत भी यात्रा पर नजर आई। फूल मालाओं के साथ कहीं पत्थर तो कहीं जूते भी आए। आचार संहिता लागू होने के बाद एक दर्जन से ज्यादा कार्यक्रम घोषित किए जाने के बाद स्थगित हुए। बमुश्किल यात्रा 187 विधानसभाएं पूरी कर पाई और अंतत: पार्टी ने इसे समाप्त करने के आदेश जारी कर दिए। 

भाजपा ने कहा: अब समय नहीं बचा

भाजपा के सूत्रों का कहना है कि चुनाव की तैयारियों के चलते नेताओं ने ये फैसला किया है। वर्तमान में ये यात्रा जबलपुर में है और यहीं इस यात्रा का समापन हो जाएगा। भाजपा के प्रदेश प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यात्रा रोके जाने की पुष्टि की है। उनका कहना है कि पार्टी की चुनाव की तैयारियों के चलते यात्रा रोकी गई है। यात्रा प्रभारी प्रभात झा ने बताया कि अटलजी के निधन के चलते यात्रा 7 दिन के लिए रोकी गई थी। गणेश उत्सव और दुर्गा उत्सव के चलते भी कई स्थानों पर यात्रा को स्थगित करना पड़ा। इस कारण यात्रा के कार्यक्रम में कई बार बदलाव किए गए। बाकी 43 विधानसभा सीटों पर मुख्यमंत्री चुनावी दौरा करेंगे। 

आलोचकों ने कहा: कलेक्टरों ने मना कर दिया

आलोचकों का कहना है कि यह पूरी यात्रा सरकारी मशीनरी पर चल रही थी। इससे पहले जितने भी कार्यक्रम हुए उन सबमें कलेक्टरों ने भीड़ जुटाई थी। इसके लिए भी कलेक्टरों को भीड़ के टारगेट दिए गए थे। आचार संहिता लागू होने से पहले तक को कलेक्टरों ने प्रबंध किए परंतु इसके बाद हाथ खींचना शुरू कर दिए। भाजपा के पदाधिकारियों के सहारे यात्रा चल नहीं पा रही थी। इसका यही हश्र होना था। 

इंदौर में पंक्चर हो गए थे शिवराज के रथ के पहिए

दरअसल, शिवराज सिंह के रथ के पहिए इंदौर में ही पंक्चर हो गए थे। ऐजेंसियों ने बता दिया था कि भाजपा का गढ़ कहलाने वाले इंदौर में शिवराज के स्वागत के लिए भीड़ नहीं आने वाली। भद पिट जाएगी। आनन फानन कई नेताओं को इस काम पर लगाया। विधायकों ने भीड़ लाने से मना कर दिया। फिर दावेदारों को लॉलीपॉप थमाया गया। दावेदारों ने शहर तो रंग दिया परंतु जूते भी चला डाले। बस यहीं से स्पष्ट हो गया था कि अब यात्रा जहां जहां जाएगी, ​पब्लिक से ज्यादा दावेदार दंगा करेंगे। सवर्ण आंदोलन से ज्यादा बुरी हालत हो जाएगी। 
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