कुमार मंगलम बिड़ला ने बताया करोड़पति कैसे बनें

ग्वालियर। आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने रविवार को द सिंधिया स्कूल फोर्ट के 121वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में अपनी सफलता के रहस्य बताए। उन्होंने एक कहानी भी सुनाई। बोले, बात बचपन की है, जब मैं कक्षा 6वीं में था। एक विषय में मेरे नंबर क्लास में सबसे ज्यादा आए, यह देखकर काफी खुश था। जब मैंने कॉपी देखी तो पाया कि उसमें टीचर ने गलती से 10 नंबर ज्यादा दे दिए थे। दोस्त बोले, मत बताओ क्या फर्क पड़ता है, लेकिन मैंने इसकी जानकारी टीचर को दी। याद रखें शिक्षा हमेशा ईमानदारी से ग्रहण करें। 

कुमार मंगलम बिड़ला ने दिए सफलता के टिप्स

दूसरों से तुलना के जाल में न फंसे, ऐसा करने वाले केवल इसी में उलझ जाते हैं और दूसरा कुछ भी नहीं कर पाते। 
युवा अपना ध्यान केवल अपने लक्ष्य पर केंद्रित करें। इसी पर आपकी सफलता निर्भर करेगी। 
अगर खुद के सपने सच करना हैं और भविष्य का लीडर बनना है तो अभी से हार्डवर्क करना होगा। 

कुमार मंगलम बिड़ला ने बताया कारोबार कैसे बढ़ता है

बात 1919-1920 के बीच है जब पं. मदनमोहन मालवीय बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी शुरू करने के लिए धनराशि एकत्रित कर रहे थे। तब दादाजी जीडी बिड़ला ने उन्हें 50 लाख रुपए दिए। जब यह बात सिंधिया रियासत के महाराज को पता चली तो उन्होंने दादाजी से मिलने की इच्छा जताई। दोनों की मुलाकात हुई और इस तरह ग्वालियर में जेसी मिल की नींव रखी गई। 

कुमार मंगलम की पांच सीख 

1- रास्ता खुद बनाएं: आंख बंद करके दूसरों के बनाए रास्तों पर न चलें और न ही भीड़ का हिस्सा बनें। अपना रास्ता खुद बनाएं, ऐसा करने वाले ही कुछ अलग कर सकते हैं। 
2- लक्ष्य तय करें: जब आप कुछ असंभव काम करने का विचार करते हैं, तब आप एक संभव काम करते हैं। चमकने के लिए लक्ष्य तय करना होगा। आप कितना भी बड़ा सोच सकते हो, जिसकी कोई सीमा नहीं। सपने बड़े देखो, लेकिन ऐसे हों जो आपको डराएं भी ताकि आपमें उन्हें सच करने की ललक हो। 
3- सफलता के लिए सीढ़ी चढ़नी होंगी: सफलता के शिखर पर आप लिफ्ट से नहीं पहुंच सकते। एक-एक सीढ़ी चढ़कर ही सफलता पाई जा सकती है। लीडर बनना है तो खोज, आइडिया और इनोवेशन के साथ नॉलेज लर्निंग पर ध्यान केंद्रित करें। 
4- पैराशूट की तरह खुला रखें दिमाग: माइंड आर पैराशूट, दिमाग को पैराशूट की तरह खुला रखें। यानी हर पहलू पर कई तरह से सोचें और खुद पर विश्वास रखें। 
5- रवैया ऊंचाई पर ले जाएगा: आप जीवन में जो पाते हैं, उसे किस तरह से देखते हैं, यह मायने रखता है। सकारात्मक रवैया ही ऊंचाई तक ले जा सकता है। कई बार छात्र फेल होते हैं तो सब टीचर को दोषी मानते हैं। 

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