Google Pay से घबराए Paytm ने किया हमला | BUSINESS NEWS

डिजिटल पेमेंट की सर्विस Google Pay ने Paytm के जमे जमाए धंधे में सेंधमारी कर डाली। Google Pay के फीचर्स कुछ इस तरह हैं कि कोई भी उसे पेटीएम के बदले उपयोग करना पसंद करेगा। यह हो भी रहा है। Google Pay तेजी से बाजार पकड़ रहा है और पीएम नरेंद्र मोदी की फोटो के साथ अपना विज्ञापन जारी करके देश भर में अपना कारोबार जमाने वाले पेटीएम से लोग रिश्ता तोड़ने लगे हैं। इसी से घबराए पेटीएम ने Google Pay के खिलाफ शिकायत ठोक दी है। 

नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) NPCI को लिखे खत में Paytm ने कहा है कि गूगल की पॉलिसी के अनुसार, कंपनी भारतीय ग्राहकों का पेमेंट डेटा अपने एडवर्टाइजमेंट बिजनेस के लिए इस्तेमाल कर रही है और कई कंपनियों व थर्ड पार्टी को भी दे रही है जो कि ग्राहकों के प्राइवेसी के खिलाफ है। खत में यह भी कहा गया है कि गूगल की प्राइवेसी पॉलिसी के अनुसार, कंपनी विज्ञापन और प्रमोशन के लिए यूजर्स का पर्सनल डेटा कलेक्ट करती है, स्टोर करती है, उसका इस्तेमाल करती है और उसे डिसक्लोज भी करती है।

कार्पोरेट परंपराओं के खिलाफ PAYTM
पेटीएम ने ना केवल शिकायत की बल्कि इसकी जांच शुरू होने से पहले ही इसे पब्लिक कर दिया। कार्पोरेट कारोबारियों की प्रतिस्पर्धा में ऐसी हरकतें अक्सर नहीं होतीं। शिकायतें की जातीं हैं परंतु उन्हे तब तक पब्लिक नहीं किया जाता जब तक कि वो जांच में सही प्रमाणित ना हो जाएं। पेटीएम ही यह हरकत उसका डर और डर्टी पॉलिटिक्स को उजागर करती है। 

Google pay ने कहा: हम डाटा लीक नहीं करते
'मनीकंट्रोल' का कहना है कि उनके पास पेटीएम द्वारा लिखे गए ख़त की कॉपी है जिसको लेकर उन्होंने गूगल से मेल कर सवाल पूछा। मेल का जवाब देते हुए गूगल के प्रवक्ता ने कहा कि, 'गूगल किसी भी UPI ट्रांजेक्शन का डेटा मॉनेटाइजेशन जैसे एडवर्टाइजमेंट के लिए इस्तेमाल नहीं करता है। हालांकि, इस स्टेटमेंट यह जरूर कहा गया कि Google pay यूजर्स का डेटा ट्रांजेक्शन या फिर गूगल पे की सर्विस को प्रोवाइड करवाने के लिए इसके ऑथराइज़्ड पार्टनर्स के साथ शेयर करता है। प्रवक्ता ने आगे कहा कि यूजर्स का डेटा बैंक, UPI सर्विस देने वाले बैंक, बिल एग्रीगेटर्स, गूगल पे पर मौजूद मर्चेंट्स जिनसे यूजर ट्रांजेक्शन करता है और किसी सर्विस का बिल देता है उनसे ही डेटा शेयर किया जाता है। यह जानकारी पूरी तरह से नियमों के अनुसार साझा की जाती है।

NPCI करती है निगरानी
गौरतलब है कि NPCI के अनुसार, किसी भी पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर को यह अनुमति नहीं है कि वह यूजर्स का डेटा किसी थर्ड पार्टी से साझा करे, जब तक कि उसे कानूनी तौर पर निर्देश न दिया गया हो या फिर किसी नियामक / सांविधिक प्राधिकारी के सामने पेश करने की जरूरत न हो. इसके अलावा RBI ने भी इस मामले में गाइडलाइन जारी कर सभी पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर्स को यूजर्स का डेटा देश के भीतर ही स्टोर करने की बात कही थी। 
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