भिंड। जहां एक तरफ एससी एसटी एकट के विरोध में हो रहे आंदोलन को देखते हुए धारा 144 लागू कर दिया गया, वहीं बुधवार को जिले में हजारों की संख्या में सवर्ण समाज के लोगों की भिंड़ सड़कों पर उतर आयी है। सवर्णों की रैली जिले के मुख्यमार्गों से लेकर कलेक्ट्रेट तक नारेबाजी करते हुए पहुंची है जहां लोगों ने कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा है।
पहले अनुमति मिली फिर निरस्त हुई, तब भी रैली निकाली
दरअसल, 6 सितंबर को सवर्ण समाज द्वारा भारत बंद के आह्वान के बाद से ही जिला प्रशासन और पुलिस सवर्ण समाज के लोगों को साधने के प्रयास में जुटी हुई थी और इसी संबंध में सीएमपी ने सवर्ण समाज की एक बैठक भी बुलाई थी। वहीं सवर्ण समाज ने 5 सितंबर के दिन रैली निकालने की अनुमति मांगी थी। जिसकी अनुमति जिला प्रशासन ने कल दोपहर को ही दे दी थी, लेकिन रैली में हिंसा होने की सूचना मिलने पर जिला प्रशासन द्वारा अनुमति को शाम के वक्त निरस्त कर दिया गया था जिसके बाबजूद भी सवर्ण समाज के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया।
क्या है मामला
सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी एक्ट में एफआईआर दर्ज होते ही गिरफ्तारी की शर्त हटा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी थी कि मामला दर्ज होने के बाद पहले जांच की जाए और फिर गिरफ्तारी। पीएम नरेंद्र मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को निष्प्रभावी करने के लिए अध्यादेश ले आई और वो फटाफट संसद में पारित भी हो गया। अब जनता भड़क गई है। लोगों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में ही चुनौती दी जानी चाहिए थी। अध्यादेश क्यों लाए।
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